जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
ओडिशा में एक बेहद संवेदनशील और दर्दनाक मामला सामने आया है, जिसने पूरे राज्य को झकझोर कर रख दिया है। रेप के आरोप में कांग्रेस की छात्र इकाई NSUI के ओडिशा प्रदेश अध्यक्ष उदित प्रधान को रविवार को गिरफ्तार कर लिया गया है। यह गिरफ्तारी एक 19 वर्षीय छात्रा की शिकायत पर की गई, जिसने आरोप लगाया कि 18 मार्च को डिनर के बहाने बुलाकर प्रधान ने उसे नशीला पेय पिलाया और होटल में ले जाकर दुष्कर्म किया। छात्रा की शिकायत के बाद कांग्रेस पार्टी ने तत्काल प्रभाव से उदित प्रधान को सभी पदों से हटा दिया और पार्टी से निष्कासित कर दिया।
छात्रा ने यह भी बताया कि घटना के वक्त उसे कोल्ड ड्रिंक में नशीला पदार्थ मिलाकर होटल के कमरे में ले जाया गया, जहां उसके साथ शारीरिक शोषण किया गया। पुलिस ने इस मामले में मेडिकल रिपोर्ट और अन्य साक्ष्यों के आधार पर जांच शुरू कर दी है। वहीं भाजपा नेता अमित मालवीय ने कांग्रेस पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि पार्टी की चुप्पी इस अपराध में अप्रत्यक्ष रूप से साझेदार बनने जैसा है। उन्होंने सवाल उठाया कि कांग्रेस अपने नेताओं को कब तक बचाती रहेगी और आखिर कितनी बेटियों को तकलीफें झेलनी पड़ेंगी, तब जाकर कोई सख्त कदम उठाया जाएगा।
यह मामला और गंभीर तब हो गया जब सामने आया कि यही छात्रा फकीर मोहन कॉलेज में इंटीग्रेटेड B.Ed कोर्स की सेकेंड ईयर की स्टूडेंट थी। उसे अपने ही विभागाध्यक्ष प्रो. समीर रंजन साहू द्वारा यौन शोषण का सामना करना पड़ा। 12 जुलाई को जब वह अपनी शिकायत लेकर कॉलेज के प्रिंसिपल के पास पहुंची, तो उसे धमकाते हुए शिकायत वापस लेने को कहा गया। निराश और मानसिक रूप से टूट चुकी छात्रा ने कॉलेज परिसर में खुद पर केरोसीन डालकर आत्मदाह कर लिया।
छात्रा को पहले बालासोर जिला अस्पताल में भर्ती किया गया, जहां से उसे गंभीर हालत में AIIMS भुवनेश्वर रेफर किया गया। 95 फीसदी जल चुकी छात्रा ने 14 जुलाई की रात अस्पताल में दम तोड़ दिया। इस घटना ने न केवल छात्रों में, बल्कि पूरे राज्य में आक्रोश फैला दिया।
ओडिशा पुलिस ने घटना के दिन ही आरोपी HoD समीर कुमार साहू को गिरफ्तार कर लिया था और प्रिंसिपल दिलीप घोष को सस्पेंड कर दिया गया। राज्यव्यापी विरोध-प्रदर्शनों के दबाव में 14 जुलाई को प्रिंसिपल को भी गिरफ्तार किया गया। मृतक छात्रा की दोस्त ने आरोप लगाया कि कांग्रेस और BJD से जुड़ी छात्र इकाइयों ने पीड़िता पर दबाव बनाया था कि वह अपनी शिकायत वापस ले ले।
इस मामले के विरोध में 17 जुलाई को कांग्रेस सहित 8 विपक्षी दलों ने ओडिशा बंद का आह्वान किया। भुवनेश्वर, भद्रक, मयूरभंज जैसे इलाकों में व्यापक प्रदर्शन हुए। भद्रक में ट्रेनें रोकी गईं, चेन्नई-कोलकाता हाईवे पर टायर जलाकर ट्रकों का रास्ता रोका गया, और राजधानी में बसों का चक्काजाम किया गया। प्रदर्शन में कांग्रेस, CPI(M), SUCI और अन्य दलों के कार्यकर्ता शामिल हुए।