मध्यप्रदेश में मानसून को लेकर बड़ा अपडेट: फिलहाल राहत, लेकिन 23 जुलाई से दोबारा तेज बारिश का खतरा!

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जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:

मध्यप्रदेश में बारिश से राहत भरे कुछ दिन आने वाले हैं। मौसम विभाग ने साफ कर दिया है कि अगले तीन दिनों तक प्रदेश में भारी बारिश की संभावना नहीं है। प्रदेशवासियों को कहीं धूप तो कहीं हल्की फुहारों का सामना करना पड़ सकता है, लेकिन मूसलाधार बारिश फिलहाल थमी रहेगी। दरअसल, वर्तमान में जो मानसून ट्रफ और डिप्रेशन एक्टिव हैं, वे मध्यप्रदेश से काफी दूर हैं, जिसके चलते भारी बारिश की संभावना कम हो गई है।

मौसम विभाग के अनुसार, रविवार 21 जुलाई और सोमवार 22 जुलाई को भी प्रदेश के अधिकांश जिलों में मौसम शुष्क और साफ रहेगा। सिर्फ कुछ इलाकों में हल्की फुहारें पड़ सकती हैं, वो भी बहुत सीमित मात्रा में। लेकिन ध्यान देने वाली बात यह है कि 23 जुलाई से पूर्वी मध्यप्रदेश के जिलों में फिर से तेज बारिश का सिलसिला शुरू हो सकता है। यानी यह राहत स्थायी नहीं है।

अब तक औसत से 8 इंच ज्यादा बारिश

इस बार मानसून ने प्रदेश में समय पर दस्तक दी और अच्छी बारिश की है। अब तक औसतन 20.5 इंच बारिश हो चुकी है, जबकि सामान्य तौर पर इस समय तक 12.3 इंच बारिश होती है। यानी अब तक प्रदेश में सामान्य से करीब 8.2 इंच ज्यादा पानी गिर चुका है। निवाड़ी, टीकमगढ़ जैसे जिले तो पहले ही अपना सीजनल कोटा पूरा कर चुके हैं, वहीं कई अन्य जिलों में 80 प्रतिशत से ज्यादा वर्षा हो चुकी है।

श्योपुर को छोड़कर रविवार रहा शुष्क

शनिवार को जहां प्रदेश के कई हिस्सों में बारिश ने दस्तक दी, वहीं रविवार को ज्यादातर जगहों पर धूप खिली नजर आई। केवल श्योपुर में थोड़ी बहुत फुहारें दर्ज की गईं। दिन का तापमान भी कई जिलों में बढ़ गया — खजुराहो में 35.6°C, सीधी में 34.6°C, सतना में 33.9°C, मंडला में 33.5°C और रायसेन, दतिया तथा नर्मदापुरम में 33.4°C तापमान दर्ज किया गया।

रात में इन जिलों में गड़गड़ाहट के साथ हल्की बारिश

रात के समय बालाघाट, अनूपपुर, शहडोल, राजगढ़, छिंदवाड़ा, सिवनी, पांढुर्णा, डिंडौरी, मंडला, उमरिया, सीधी, सिंगरौली, रीवा, मऊगंज, बैतूल, मैहर, जबलपुर और कटनी जिलों में आकाशीय बिजली चमकने के साथ हल्की बारिश हुई।

क्या है आगे का अनुमान?

मौसम वैज्ञानिक के अनुसार, अगले 48 घंटे तक प्रदेश में कोई भारी बारिश का खतरा नहीं है। 23 जुलाई से पूर्वी जिलों में कुछ बदलाव की शुरुआत हो सकती है और एक बार फिर बारिश का नया दौर देखने को मिलेगा। हालांकि ये इस बात पर भी निर्भर करेगा कि मानसून ट्रफ की दिशा कितनी जल्दी मध्य भारत की ओर मूव करती है।

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