जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
जबलपुर शहर के रांझी क्षेत्र में स्थित मढ़ई गांव एक बार फिर एक विवाद की आग में झुलसता नज़र आया। मामला एक मस्जिद के निर्माण को लेकर है, जिसे लेकर हिंदूवादी संगठनों का आरोप है कि मस्जिद गायत्री मंदिर की ज़मीन पर बनी है। यह दावा कोई नया नहीं है, लेकिन इस बार बात इतनी बढ़ गई कि सोमवार को विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने सड़क पर उतरकर कलेक्टर का अर्थी जुलूस तक निकाल दिया।
प्रदर्शनकारियों का गुस्सा उस वक्त और भड़क गया जब 12 जुलाई को जबलपुर कलेक्टर के आधिकारिक फेसबुक अकाउंट से एक पोस्ट शेयर की गई, जिसमें लिखा गया था कि “मंदिर की भूमि पर मस्जिद निर्माण का कोई प्रमाण नहीं मिला”। कुछ घंटों में ही यह पोस्ट डिलीट कर दी गई, लेकिन तब तक चिंगारी आग में बदल चुकी थी।
क्या है पूरा विवाद?
मढ़ई गांव में स्थित एक मस्जिद के निर्माण को लेकर विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल का कहना है कि यह मस्जिद गायत्री बाल मंदिर संस्था की ज़मीन पर बनी है। आरोप है कि सिर्फ 1000 वर्गफीट वक्फ बोर्ड की भूमि पर कब्जा था, लेकिन मस्जिद 3000 वर्गफीट क्षेत्र में बना दी गई। यही नहीं, वहां अवैध मदरसा चलाए जाने का भी आरोप है।
इस विवाद की जड़ है साल 1985 में बने मस्जिद का प्रथम तल, जिस पर हाल ही में अतिरिक्त निर्माण कार्य शुरू किया गया। इसके बाद हिंदू संगठनों ने प्रशासन से सीमांकन और जांच की मांग की।
कलेक्टर की पोस्ट बनी आग में घी
जबलपुर कलेक्टर के फेसबुक पेज से की गई एक पोस्ट में लिखा गया कि—
“मौके पर मंदिर होने या मंदिर की भूमि पर मस्जिद बनने जैसा कोई प्रमाण नहीं पाया गया है। मस्जिद का निर्माण बंदोबस्त के पहले से उनके कब्जे और मालिकाना हक की ज़मीन पर किया गया है।”
हालांकि यह पोस्ट कुछ घंटों में हटा ली गई। लेकिन इसके बाद विवाद और गहरा गया। विहिप ने इसे प्रशासन की एकतरफा कार्रवाई बताते हुए जबरदस्त प्रदर्शन किया।
प्रशासन में उथल-पुथल, SDM को हटाया गया
विवाद बढ़ता देख रांझी SDM रघुवीर सिंह मरावी को हटा दिया गया और ऋषभ जैन को नया SDM बनाया गया। नए SDM ने साफ किया कि यह पोस्ट कलेक्टर की जानकारी के बिना पब्लिश की गई थी, जिससे गलतफहमियां हुई हैं।
उन्होंने यह भी माना कि—
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बंदोबस्त के दौरान खसरा नंबर और सर्वे नंबर त्रुटिपूर्ण बनाए गए थे।
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मंदिर की ज़मीन (खसरा नंबर 326/4, अब नवीन नंबर 169) कब्जे के आधार पर स्पष्ट नहीं है।
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गायत्री बाल मंदिर ट्रस्ट का मौके पर कोई स्पष्ट कब्जा नहीं पाया गया है।
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यह मामला कलेक्टर कोर्ट में पेंडिंग है और वहां से ही अंतिम निर्णय लिया जाएगा।
मस्जिद कमेटी का दावा – मालिकाना हक हमारी मस्जिद का है
वहीं दूसरी ओर मस्जिद कमेटी और वक्फ बोर्ड की तरफ से कहा गया है कि यह जमीन 1980 से पहले से ही मस्जिद की है। एडवोकेट इरशाद अली ने बताया कि—
“हमारे पास दो खसरे 165 और 166 हैं, जिसमें मस्जिद का नाम दर्ज है। प्रशासनिक गलती के चलते एक खसरे से नाम हट गया, जिसे सुधारने की प्रक्रिया जारी है। कलेक्टर कोर्ट में हमने इसका प्रतिवेदन प्रस्तुत किया है।”
विहिप का आरोप – जमीन पर अवैध कब्जा, हम 2021 से लड़ रहे हैं लड़ाई
विश्व हिंदू परिषद का कहना है कि 2021 से वे इस जमीन को लेकर संघर्ष कर रहे हैं। उनके अनुसार—
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मस्जिद का निर्माण गायत्री बाल मंदिर ट्रस्ट की भूमि (खसरा नंबर 169) पर किया गया है।
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ट्रस्ट या कोरी परिवार ने कोई आपत्ति नहीं की है, फिर भी ज़मीन पर अवैध कब्जा कैसे हुआ?
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मस्जिद की आड़ में मदरसा चलाया जा रहा है, और वक्फ बोर्ड की भूमि सीमित होते हुए भी कब्जा बढ़ाया गया है।
क्या है आगे की स्थिति?
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प्रशासन ने हिंदू संगठनों को भरोसा दिलाया है कि कलेक्टर के खिलाफ जांच कमेटी बनाई जाएगी।
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SDM को हटा दिया गया है, और प्रकरण कलेक्टर न्यायालय में लंबित है।
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आज (मंगलवार) के लिए घोषित 42 जगहों पर प्रदर्शन को फिलहाल स्थगित कर दिया गया है।