जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
भारत के राष्ट्रपति द्वारा शनिवार को एक बड़ा प्रशासनिक फेरबदल किया गया है, जिसमें लद्दाख, हरियाणा और गोवा जैसे महत्वपूर्ण केंद्रशासित प्रदेशों और राज्यों के राज्यपालों और उपराज्यपालों की नियुक्तियां की गईं। यह फेरबदल न सिर्फ प्रशासनिक दृष्टिकोण से अहम है, बल्कि राजनीतिक समीकरणों और अनुभव के संतुलन को दर्शाता है। इन बदलावों के जरिए केंद्र सरकार ने अनुभवी नेताओं और प्रशासनिक विशेषज्ञों को राज्यों की सर्वोच्च संवैधानिक जिम्मेदारियां सौंपी हैं।
लद्दाख को मिला नया उपराज्यपाल, बीडी मिश्रा का इस्तीफा मंजूर
लद्दाख के उपराज्यपाल पद से सेवानिवृत्त ब्रिगेडियर डॉ. बीडी मिश्रा का इस्तीफा स्वीकार कर लिया गया है। उनकी जगह अब जम्मू-कश्मीर के वरिष्ठ भाजपा नेता कविंदर गुप्ता को लद्दाख का नया उपराज्यपाल नियुक्त किया गया है। उल्लेखनीय है कि कविंदर गुप्ता, जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती की सरकार में उपमुख्यमंत्री रह चुके हैं और उन्हें एक कुशल रणनीतिकार तथा जमीनी नेता के रूप में जाना जाता है। उनका प्रशासनिक अनुभव लद्दाख जैसे संवेदनशील और सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण क्षेत्र के लिए काफी अहम साबित हो सकता है।
कौन हैं बीडी मिश्रा?
ब्रिगेडियर (रिटायर्ड) डॉ. बीडी मिश्रा भारतीय सेना के शूरवीर अफसरों में से एक हैं। वे राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (NSG) के काउंटर हाईजैक फोर्स के पूर्व कमांडर रहे हैं, जिसे आमतौर पर “ब्लैक कैट कमांडो” के नाम से जाना जाता है। उन्होंने 33 वर्षों से भी अधिक समय तक भारतीय सेना में सेवा दी और 1995 में सेवानिवृत्त हुए। इसके बाद 2017 में उन्हें अरुणाचल प्रदेश का राज्यपाल नियुक्त किया गया था। फरवरी 2023 में उन्होंने लद्दाख के दूसरे उपराज्यपाल के रूप में कार्यभार संभाला था, जो अब उनके इस्तीफे के साथ समाप्त हो गया।
हरियाणा को मिला नया राज्यपाल: प्रोफेसर अशीम कुमार घोष की नियुक्ति
हरियाणा को भी शनिवार को नया राज्यपाल मिल गया। प्रोफेसर अशीम कुमार घोष को हरियाणा का 19वां राज्यपाल नियुक्त किया गया है। वे एक शिक्षाविद और वरिष्ठ भाजपा नेता हैं। इससे पहले बंडारू दत्तात्रेय 2021 से राज्यपाल के रूप में कार्यरत थे। अशीम घोष कोलकाता के मनिन्द्र चंद कॉलेज में पॉलिटिकल साइंस के प्रोफेसर रह चुके हैं और वे 1999 से 2002 तक पश्चिम बंगाल में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष रहे थे। अटल बिहारी वाजपेयी के विश्वासपात्र रहे अशीम घोष ने पश्चिम बंगाल में संघ और भाजपा की जड़ों को मजबूत करने में निर्णायक भूमिका निभाई है। उनका शैक्षणिक और संगठनात्मक अनुभव हरियाणा की शासन व्यवस्था में सकारात्मक योगदान दे सकता है।
गोवा को मिला नया राज्यपाल: पूर्व केंद्रीय मंत्री अशोक गजपति राजू की नियुक्ति
गोवा में भी राजभवन की कमान अब नए चेहरे के हाथ में सौंपी गई है। वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री अशोक गजपति राजू को गोवा का राज्यपाल नियुक्त किया गया है। वे गोवा के 19वें राज्यपाल होंगे और पीएस श्रीधरन पिल्लई की जगह लेंगे, जो पिछले वर्ष 15 जुलाई को इस पद पर नियुक्त हुए थे। गजपति राजू का लंबा प्रशासनिक अनुभव, विशेषकर वित्त, योजना, विधायिका और राजस्व जैसे अहम मंत्रालयों में, उन्हें इस नई भूमिका के लिए उपयुक्त बनाता है।
नियुक्तियां राष्ट्रपति भवन की अधिसूचना के अनुसार, कार्यभार संभालने की तिथि से प्रभावी होंगी।
इन नियुक्तियों से स्पष्ट है कि केंद्र सरकार रणनीतिक, प्रशासनिक और राजनीतिक दृष्टिकोण से अनुभवी और भरोसेमंद व्यक्तित्वों को संवैधानिक पदों पर स्थापित कर रही है। जहां एक ओर लद्दाख जैसे संवेदनशील सीमावर्ती क्षेत्र को अनुभवी राजनीतिक नेतृत्व मिला है, वहीं हरियाणा और गोवा में शैक्षणिक और प्रशासनिक संतुलन को ध्यान में रखते हुए नियुक्तियां की गई हैं। आने वाले समय में इन नियुक्तियों का असर संबंधित राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों की नीतियों और प्रशासन पर स्पष्ट रूप से देखने को मिलेगा।