जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
अहमदाबाद से लंदन जा रही एयर इंडिया की फ्लाइट AI 171 के हादसे को एक महीना बीत चुका है। इस भीषण हादसे में 270 लोगों की मौत हो गई थी। अब एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो (AAIB) ने 12 जुलाई को अपनी 15 पन्नों की प्रारंभिक जांच रिपोर्ट जारी कर दी है। रिपोर्ट ने सबको चौंका दिया है। शुरुआती जांच में यह सामने आया है कि यह हादसा विमान के दोनों इंजनों के फ्यूल स्विच अचानक बंद हो जाने के कारण हुआ, जिससे टेकऑफ के कुछ सेकंड बाद ही दोनों इंजन बंद हो गए और विमान मात्र 30 सेकंड हवा में रहने के बाद एक मेडिकल हॉस्टल की इमारत से जा टकराया।
रिपोर्ट में बताया गया कि जैसे ही विमान ने अहमदाबाद एयरपोर्ट के रनवे 23 से दोपहर 1:39 बजे उड़ान भरी, दोनों फ्यूल स्विच RUN से CUTOFF पोजिशन में चले गए, यानी इंजन में ईंधन की सप्लाई एक-एक करके मात्र एक सेकंड के अंतराल में पूरी तरह बंद हो गई। कॉकपिट रिकॉर्डिंग से पता चला कि इस अकल्पनीय स्थिति में एक पायलट ने दूसरे पायलट से हैरान होकर पूछा – “क्या तुमने स्विच बंद किया?” दूसरे पायलट ने जवाब दिया – “मैंने नहीं किया।”
जांच में पाया गया कि जैसे ही दोनों इंजन बंद हुए, पायलटों ने घबराहट में फ्यूल स्विच को दोबारा RUN पर किया और इंजनों को फिर से चालू करने की पूरी कोशिश की। हालांकि इस दौरान इंजन-1 कुछ हद तक स्टार्ट होने की स्थिति में आया, लेकिन विमान बेहद कम ऊंचाई पर था और इतने कम वक्त में इंजन दोबारा ताकत नहीं जुटा पाए। नतीजा यह हुआ कि 32 सेकंड की उड़ान के बाद ही विमान जमीन पर आ गिरा।
रिपोर्ट में साफ है कि इस दौरान आसमान बिल्कुल साफ था, विजिबिलिटी भी अच्छी थी, मौसम या बर्ड हिट का कोई मामला नहीं था। फ्लाइट की फ्लैप सेटिंग और लैंडिंग गियर भी पूरी तरह टेकऑफ के लिए सामान्य थे। साथ ही फ्यूल के सैंपल की जांच में भी कोई खराबी नहीं निकली।
ब्लैक बॉक्स डेटा से पता चला कि टेकऑफ के वक्त थ्रस्ट लीवर पूरी तरह चालू थे, यानी पायलटों ने पूरी ताकत से विमान उड़ाया था। हादसे के बाद ये थ्रस्ट लीवर टूट चुके मिले। इस विमान में लगे फ्यूल स्विच स्प्रिंग-लोडेड और डिटेंट लॉक सिस्टम से लैस होते हैं, जिससे ये गलती से हिल नहीं सकते। इन्हें तीन स्टेप में पकड़कर, लॉक से बाहर निकालकर ही बदला जा सकता है। ऐसे में रिपोर्ट में अभी तक यह रहस्य बना हुआ है कि आखिर दोनों फ्यूल स्विच टेकऑफ के तुरंत बाद कैसे बंद हो गए।
जांच में यह भी सामने आया कि जैसे ही दोनों इंजन बंद हुए, विमान की आपात स्थिति में बिजली और हाइड्रॉलिक पावर को बनाए रखने के लिए रैम एयर टर्बाइन (RAT) अपने आप खुल गया। यह एक प्रोपेलर जैसी डिवाइस है, जो हवा की गति से घूमकर न्यूनतम ऊर्जा पैदा करती है, ताकि बेसिक नेविगेशन और कॉकपिट के कंट्रोल कुछ देर तक चालू रह सकें।
इस हादसे के वक्त पायलटों ने मेडे कॉल (आपात संदेश) भी दिया था, लेकिन तब तक विमान बेहद तेजी से नीचे आ चुका था। अंतिम सिग्नल महज 190 मीटर (625 फीट) की ऊंचाई से मिला। हादसे में 241 यात्री और क्रू के सदस्य मारे गए। केवल एक यात्री इस दर्दनाक हादसे में चमत्कारिक रूप से बच सका।
रिपोर्ट में कहा गया कि अभी जांच जारी है। Boeing या इंजन निर्माता General Electric को किसी तरह की एडवाइजरी जारी नहीं की गई है। Boeing ने इस रिपोर्ट के बाद बयान देते हुए कहा – “हम हादसे में जान गंवाने वालों के परिवारों के साथ हैं और जांच एजेंसियों का पूरा सहयोग कर रहे हैं।”