जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) के लोकपाल न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा (रिटायर्ड) ने रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) और कर्नाटक राज्य क्रिकेट संघ (KSCA) से उस भयावह घटना पर जवाब मांगा है जिसमें 4 जून को बेंगलुरु के चिन्नास्वामी स्टेडियम में आयोजित RCB की विक्ट्री सेरेमनी के दौरान भगदड़ मच गई थी। इस हादसे में 11 लोगों की मौत हो गई थी और 50 से ज्यादा घायल हुए थे। IPL इतिहास में RCB के पहली बार खिताब जीतने की खुशी में रखी गई इस सेरेमनी ने जश्न को मातम में बदल दिया।
BCCI लोकपाल को यह शिकायत एक व्यक्ति विकास की ओर से दी गई थी, जिसमें RCB और KSCA पर गंभीर आरोप लगाए गए कि उन्होंने सुरक्षा मानकों की खुलेआम अनदेखी की और समारोह को अनियोजित तरीके से अंजाम दिया। शिकायतकर्ता ने लोकपाल से अनुरोध किया है कि जब तक इस मामले की जांच पूरी नहीं हो जाती, तब तक फ्रेंचाइजी को बेचने या मालिक बदलने पर रोक लगाई जाए। इस पूरे घटनाक्रम पर BCCI लोकपाल ने RCB और KSCA से लिखित जवाब तलब किया है और चार सप्ताह का समय दिया है।
इस बीच सेंट्रल एडमिनिस्ट्रेटिव ट्रिब्यूनल (CAT) ने भगदड़ के मामले में निलंबित किए गए IPS अधिकारी विकास कुमार को बहाल कर दिया है। CAT ने अपने फैसले में साफ किया कि हादसे के लिए RCB जिम्मेदार है। ट्रिब्यूनल ने कहा, “पुलिस भगवान नहीं होती, न ही कोई जादूगर। जब पुलिस को पर्याप्त समय ही नहीं दिया जाता तो उससे उम्मीद कैसे की जा सकती है कि वह 5 लाख की भीड़ संभालेगी? RCB ने बिना पूर्व सूचना के सोशल मीडिया पर समारोह की घोषणा कर दी, जिससे बेकाबू भीड़ इकट्ठा हो गई। पुलिस को इसकी पूर्व जानकारी नहीं दी गई।”
फायर सेफ्टी नियमों की अनदेखी पर कटी स्टेडियम की बिजली
हादसे के कुछ ही दिनों बाद बेंगलुरु के एम.चिन्नास्वामी स्टेडियम की बिजली भी काट दी गई। यह कदम बैंगलोर इलेक्ट्रिसिटी सप्लाई कंपनी लिमिटेड (BESCOM) ने कर्नाटक अग्निशमन विभाग की सिफारिश पर उठाया। कारण साफ था—KSCA ने फायर सेफ्टी से जुड़े अनिवार्य नियमों का पालन नहीं किया। रिपोर्ट्स के मुताबिक, स्टेडियम में सालभर बड़े आयोजनों के बावजूद फायर सेफ्टी की मंजूरी नहीं ली गई थी। अब जब तक सुरक्षा प्रमाणपत्र नहीं मिलता, तब तक स्टेडियम की बिजली बहाल नहीं की जाएगी।