जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
मध्यप्रदेश में मंगलवार को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में 15 दिन बाद फिर कैबिनेट बैठक हुई। इस अहम बैठक में कई बड़े फैसले लिए गए जो राज्य की सुरक्षा, बुनियादी ढांचे और ग्रामीण महिलाओं की आजीविका से जुड़े हैं। सबसे बड़ा फैसला राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा है। गुजरात के गांधीनगर स्थित राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय (RRU) का नया कैंपस अब मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में खुलेगा। इसके लिए कैबिनेट ने राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (आरजीपीवी) के परिसर में 10 एकड़ भूमि देने का फैसला किया है। जब तक RRU का स्थायी भवन नहीं बनता, तब तक यह परिसर आरजीपीवी के भवनों में ही संचालित किया जाएगा। यह कदम न केवल प्रदेश के युवाओं को राष्ट्रीय सुरक्षा के क्षेत्र में करियर के नए अवसर देगा, बल्कि राज्य को राष्ट्रीय स्तर पर एक नई पहचान भी दिलाएगा।
इसी बैठक में प्रदेश की टूटी-फूटी सड़कों और जर्जर पुलों के सुधार के लिए भी ऐतिहासिक फैसला लिया गया। प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के अंतर्गत प्रदेशभर में 1766 क्षतिग्रस्त पुलों की मरम्मत और निर्माण के लिए 4572 करोड़ रुपए मंजूर किए गए हैं। डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ल ने बताया कि इन सड़कों व पुलों के खराब होने से ग्रामीणों की आवाजाही बुरी तरह प्रभावित हो रही थी। अब मध्यप्रदेश ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण के माध्यम से इन पुलों और सड़कों को दुरुस्त किया जाएगा।
इसके साथ ही कैबिनेट ने ‘वृंदावन ग्राम योजना’ को भी मंजूरी दे दी है। इसके तहत प्रदेश की हर विधानसभा (कुल 230) में एक वृंदावन ग्राम विकसित किया जाएगा। इसके लिए 27 बिंदुओं पर मानक तय किए जाएंगे, जिससे वहां समग्र और सुंदर विकास हो सके।
बैठक में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने एक और अनूठी योजना ‘एक बगिया मां के नाम’ का ऐलान किया। इस योजना के तहत स्व-सहायता समूह की 30 हजार महिलाएं प्रदेश में 30 हजार एकड़ भूमि पर 30 लाख फलदार पौधे रोपेंगी। इस पूरी योजना पर करीब 900 करोड़ रुपए खर्च होंगे। इसमें महिलाओं को पौधे, खाद, गड्ढे खोदने की मजदूरी, तारफेंसिंग और सिंचाई के लिए जलकुंड बनाने तक के लिए राशि दी जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह योजना मातृत्व को समर्पित होगी और इससे ग्रामीण महिलाओं को रोजगार, आत्मनिर्भरता और उद्यानिकी का प्रशिक्षण भी मिलेगा।
इसी के साथ मुख्यमंत्री ने बताया कि मानसून में रोपण के लिए 6 करोड़ पौधे तैयार किए गए हैं। जल संरक्षण और संवर्धन पर भी सरकार ने बड़े कदम उठाए हैं। प्रदेश में अब तक 85 हजार से अधिक खेत तालाब, 1 लाख से ज्यादा कुओं का पुनर्भरण और अमृत सरोवर 2.0 योजना में 1000 नए अमृत सरोवरों का निर्माण शुरू किया गया है। शहरी क्षेत्रों में भी 3300 जल स्रोतों का पुनर्जीवन, 2200 नालों की सफाई और 4000 वर्षा जल संचयन संरचनाएं तैयार की गई हैं। इसके अलावा 2 लाख 30 हजार जलदूतों का पंजीकरण हुआ है, जो जल संरक्षण में लोगों को जागरूक कर रहे हैं।
नदियों के संरक्षण की दिशा में भी बड़ा फैसला लिया गया। प्रदेश की लगभग 100 नदियों के उद्गम स्थलों पर 10-10 एकड़ भूमि पर पौधरोपण होगा, जिस पर 42 करोड़ रुपए खर्च होंगे। वहीं वन्य जीवों के लिए भी जल स्रोत तैयार किए गए हैं। वन क्षेत्रों में 2500 तालाब और स्टॉप डेम जैसी संरचनाएं बनाई गई हैं।
बैठक में बताया गया कि भारत सरकार ने मध्यप्रदेश के लिए एमएसपी पर 3.51 लाख मैट्रिक टन मूंग और 1.23 लाख मैट्रिक टन उड़द खरीदने का लक्ष्य दिया है। अभी तक मूंग के लिए करीब 2 लाख 94 हजार और उड़द के लिए 11 हजार 495 किसानों ने पंजीकरण कराया है। खरीदी 7 जुलाई से 6 अगस्त तक की जाएगी।
साथ ही हर जिले में जिला विकास सलाहकार समिति बनाने का भी फैसला हुआ है। इसमें सांसद, विधायक, पंचायत व नगरीय निकायों के प्रतिनिधियों के साथ ही चिकित्सा, विधि, समाजसेवा, कृषि, डेयरी आदि क्षेत्रों के विशेषज्ञ भी शामिल होंगे।
कैबिनेट बैठक में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने जल गंगा संवर्धन अभियान की भी चर्चा की और बताया कि इस अभियान में 40 लाख से अधिक नागरिकों ने भाग लिया। उन्होंने कहा कि राज्य में जल संरक्षण और वृक्षारोपण के इन प्रयासों से आने वाली पीढ़ियों को अमूल्य उपहार मिलेगा।