सेना की महिला अफसर पर बयान देने वाले मंत्री पर सख्त सुप्रीम कोर्ट, SIT गठित; तीन सदस्यीय स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम करेगी जांच, SIT 28 मई तक करेगी स्टेटस रिपोर्ट दाखिल

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जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:

मध्यप्रदेश के वन मंत्री कुंवर विजय शाह द्वारा भारतीय सेना की अधिकारी कर्नल सोफिया कुरैशी के खिलाफ दिए गए विवादित बयान ने पूरे देश में हलचल मचा दी है। अब इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के सख्त रुख के बाद बड़ी कार्रवाई हुई है। कोर्ट के आदेश पर मध्यप्रदेश पुलिस ने एक तीन सदस्यीय स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) का गठन कर दिया है। इस एसआईटी की अगुवाई आईजी सागर जोन प्रमोद वर्मा करेंगे, साथ में डीआईजी कल्याण चक्रवर्ती और एसपी डिंडोरी एसएएफ वाहिनी सिंह भी टीम में शामिल हैं। ये तीनों IPS अधिकारी मंत्री विजय शाह द्वारा दिए गए आपत्तिजनक बयान की गहराई से जांच करेंगे।

क्या है पूरा मामला?

यह विवाद तब शुरू हुआ जब मंत्री विजय शाह ने 11 मई को महू के रायकुंडा गांव में एक जनसभा को संबोधित करते हुए सेना की बहादुर अफसर कर्नल सोफिया कुरैशी को पाकिस्तान के आतंकियों की बहन बता दिया। उन्होंने कहा कि “मोदी जी ने उनकी बहन को पाकिस्तान भेजा… जो हमारी बहनों को विधवा कर गए, उनके समाज की बहन आकर तुम्हें नंगा करके छोड़ेगी…”। यह बयान न केवल अत्यधिक आपत्तिजनक था, बल्कि देश की सेवा में तत्पर एक महिला सैन्य अधिकारी की गरिमा के साथ सीधा खिलवाड़ माना गया।

इस विवादित बयान के खिलाफ जनाक्रोश बढ़ता गया, और आखिरकार हाईकोर्ट के आदेश पर 14 मई को मानपुर थाने में एफआईआर दर्ज की गई। इसके खिलाफ मंत्री विजय शाह सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए, लेकिन वहां भी उन्हें राहत नहीं मिली। कोर्ट ने साफ शब्दों में कहा कि यह बयान सिर्फ माफी से नहीं छूट सकता

वहीं, सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान जैसे ही मंत्री शाह की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता मनिंदर सिंह ने माफी का जिक्र किया, जस्टिस सूर्यकांत ने तीखा रुख अपनाते हुए पूछा – “कहां है वो माफी? और क्या है उसमें?” कोर्ट ने साफ किया कि यह माफी राजनीतिक बचाव है, ना कि किसी असली पछतावे का संकेत। उन्होंने कहा – “आप एक पब्लिक फिगर हैं, बोलते समय आपको जिम्मेदारी दिखानी चाहिए। आपने सेना जैसी संस्था का अपमान किया है, हम कम से कम सेना के लिए इतना तो कर ही सकते हैं।”

जस्टिस सूर्यकांत ने टिप्पणी करते हुए कहा कि – “आप पूरी तरह जनता के सामने बेनकाब हो चुके हैं। आपकी माफी मगरमच्छ के आंसू जैसी लगती है। अगर आपने सही में खेद होता, तो अब तक कोई ठोस कदम उठाया होता।”

सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया कि इस मामले की गहराई से निष्पक्ष जांच होनी चाहिए, और इसके लिए एक ऐसी एसआईटी बनाई जाए, जिसमें तीन IPS अधिकारी हों – एक IG रैंक, एक SP लेवल और एक महिला अधिकारी शामिल हों। सभी अधिकारी मध्यप्रदेश कैडर के हो सकते हैं, लेकिन राज्य के मूल निवासी नहीं होने चाहिए। यह टीम 28 मई तक कोर्ट में अपनी प्रारंभिक रिपोर्ट पेश करेगी।

इस पूरे प्रकरण के बाद मंत्री विजय शाह की स्थिति राजनैतिक रूप से संकटपूर्ण हो गई है। सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी के बाद उनके पार्टी और सरकार में बने रहने पर भी सवाल खड़े हो सकते हैं। अब जब एसआईटी जांच करेगी और अगर इसमें तथ्य पुष्ट होते हैं, तो मंत्री के इस्तीफे या गिरफ्तारी तक की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।

कर्नल सोफिया कुरैशी कौन हैं?

गौरतलब है कि कर्नल सोफिया कुरैशी भारतीय सेना की प्रतिष्ठित अधिकारी हैं और ऑपरेशन सिंदूर के तहत उन्होंने साहसिक भूमिका निभाई थी। उन्होंने विंग कमांडर व्योमिका सिंह और विदेश सचिव विक्रम मिसरी के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस में भी हिस्सा लिया था। उन्हें भारत की पहली महिला सैन्य प्रतिनिधि के रूप में UN मिशन में भी शामिल किया जा चुका है। ऐसे में उनके खिलाफ दिए गए बयान ने न सिर्फ उनकी गरिमा पर चोट पहुंचाई, बल्कि सैन्य प्रतिष्ठानों और महिला अधिकारियों के मनोबल को भी आहत किया है।

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