जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
रेलवे टिकट पर अब केवल यात्रा की जानकारी ही नहीं, बल्कि सैन्य अभियानों के प्रचार भी दिखने लगे हैं। हाल ही में भारतीय रेलवे के ऑनलाइन टिकटों पर ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का प्रचार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर छपने को लेकर विपक्ष खासा आक्रोशित है। कांग्रेस ने इस मामले को लेकर सीधे केंद्र सरकार और भाजपा पर गंभीर आरोप लगाए हैं। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के मीडिया सलाहकार पीयूष बबेले ने इसे सेना के पराक्रम की “राजनीतिक ब्रांडिंग” करार देते हुए तीखा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि भाजपा अब सेना के शौर्य को अपने चुनावी प्रचार का औजार बना रही है और यह परंपरागत लोकतांत्रिक मर्यादाओं का खुला उल्लंघन है।
बबेले का कहना है कि “ऑपरेशन सिंदूर” में भारतीय सेना ने जिस प्रकार पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों को ध्वस्त किया, वह पूरे देश के लिए गर्व की बात है, लेकिन भाजपा इस सैन्य सफलता को प्रचार सामग्री बनाकर राजनीतिक फायदा उठाना चाहती है। उन्होंने सवाल उठाया कि सेना का शौर्य सभी भारतीयों की संपत्ति है, लेकिन क्या इसे एक राजनीतिक दल की चुनावी रणनीति में शामिल किया जाना उचित है?
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि रेलवे, जो कि एक सरकारी सेवा है, अब भाजपा के प्रचार मंच के रूप में कार्य कर रहा है। ऑनलाइन टिकट पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर और उनका बयान “ऑपरेशन सिंदूर” के संदर्भ में प्रिंट होना इस बात का स्पष्ट प्रमाण है। कांग्रेस का दावा है कि यह सब बिहार और अन्य राज्यों में आगामी चुनावों को ध्यान में रखकर किया जा रहा है।
इस मुद्दे पर सवाल उठाए जाने पर IRCTC और रेलवे अधिकारी चुप्पी साधे हुए हैं। भोपाल रेल मंडल के डीआरएम देवाशीष त्रिपाठी और IRCTC के टूरिज्म ज्वाइंट मैनेजर राजेंद्र बोरवन दोनों ने ही इस मामले में कोई भी प्रतिक्रिया देने से इनकार कर दिया। बबेले का कहना है कि “यह चुप्पी अपने आप में बहुत कुछ कहती है। जब जवाब नहीं होता, तो खामोशी बोलने लगती है।”
उन्होंने केंद्र सरकार से मांग की कि इस प्रचार पर तुरंत रोक लगाई जाए और स्पष्ट निर्देश जारी किए जाएं कि सेना के अभियानों का राजनीतिक इस्तेमाल नहीं किया जाएगा। “अगर आज हम चुप रहे, तो कल हर सरकारी सेवा और सैन्य मिशन एक दल विशेष के प्रचार का माध्यम बन जाएगा,” बबेले ने चेतावनी दी।
बता दें कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ भारतीय सेना की ओर से हाल ही में किया गया एक अहम सैन्य अभियान था, जिसमें आतंकी ठिकानों को निशाना बनाकर बड़ी कार्रवाई की गई। सरकार ने इस ऑपरेशन को राष्ट्रीय सुरक्षा के लिहाज से बड़ी उपलब्धि बताया और मीडिया में इसका प्रचार भी जोर-शोर से किया गया।
लेकिन अब यही प्रचार रेलवे टिकट पर भी छपकर सामने आने से विवाद खड़ा हो गया है। यह पहला मौका है जब किसी सैन्य ऑपरेशन को लेकर सरकारी सेवा के माध्यम से सार्वजनिक प्रचार किया गया हो। इससे पहले भी विपक्ष भाजपा पर पुलवामा हमले और बालाकोट स्ट्राइक को चुनावी मंचों से भुनाने का आरोप लगाता रहा है, लेकिन रेलवे टिकट जैसे औपचारिक दस्तावेज पर ऐसा प्रचार पहली बार देखने को मिला है।