भोपाल में बनेगा “भोज-नर्मदा द्वार”, सीएम मोहन यादव ने किया भूमिपूजन; नीमच में सौर ऊर्जा संयंत्र का भी किया लोकार्पण!

You are currently viewing भोपाल में बनेगा “भोज-नर्मदा द्वार”, सीएम मोहन यादव ने किया भूमिपूजन; नीमच में सौर ऊर्जा संयंत्र का भी किया लोकार्पण!

जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:

राजधानी भोपाल में ऐतिहासिक धरोहरों और आधुनिक विकास के संगम को दर्शाते हुए एक और भव्य पहल की शुरुआत हुई है। रविवार सुबह मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने होशंगाबाद रोड स्थित समरधा क्षेत्र में प्रस्तावित “भोज-नर्मदा द्वार” का भूमिपूजन किया। यह द्वार न केवल भोपाल की भौगोलिक सीमा को चिह्नित करेगा, बल्कि मध्यप्रदेश के गौरवशाली इतिहास को भी एक भव्य प्रतीक के रूप में प्रस्तुत करेगा।

कार्यक्रम में राज्य सरकार के कई दिग्गज नेता भी मौजूद रहे, जिनमें मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, विश्वास सारंग, कृष्णा गौर, सांसद आलोक शर्मा, विधायक रामेश्वर शर्मा, भगवानदास सबनानी, महापौर मालती राय, निगम अध्यक्ष कैलाश सूर्यवंशी और बीजेपी जिलाध्यक्ष रविंद्र यति शामिल रहे। नगर निगम द्वारा तैयार इस महत्वाकांक्षी योजना को नगर परिषद की बैठक में पहले ही स्वीकृति मिल चुकी है। भोपाल में कुल दो प्रमुख द्वारों के निर्माण की योजना है—एक होशंगाबाद रोड पर “भोज-नर्मदा द्वार” और दूसरा इंदौर-भोपाल रोड पर “विक्रमादित्य द्वार” के नाम से बनाया जाएगा। “विक्रमादित्य द्वार” के लिए भी जल्द भूमिपूजन की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।

इस मौके पर सीएम मोहन यादव ने कहा कि “मध्यप्रदेश की पहचान हमारे महान शासकों से जुड़ी रही है। सम्राट विक्रमादित्य और राजा भोज जैसे व्यक्तित्व न्यायप्रियता, पराक्रम, ज्ञान और लोक कल्याण के प्रतीक हैं। हमारी सरकार की यह कोशिश है कि इन महापुरुषों की विरासत को नई पीढ़ी तक पहुंचाया जाए और भोपाल के प्रमुख प्रवेश द्वारों को इन्हीं ऐतिहासिक नामों से जोड़ा जाए।” उन्होंने कहा कि यह द्वार न केवल इतिहास को जीवंत करेगा, बल्कि राजधानी को सांस्कृतिक और स्थापत्य दृष्टि से नया स्वरूप भी प्रदान करेगा।

इसके साथ ही मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने नीमच में नगर निगम भोपाल द्वारा स्थापित 10 मेगावाट क्षमता वाले सौर ऊर्जा संयंत्र का भी लोकार्पण किया। यह परियोजना सौर ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा देने की दिशा में एक बड़ा कदम है और राजधानी को हरित ऊर्जा की दिशा में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगी। कार्यक्रम के दौरान मंत्री, सांसद, विधायक, महापौर, एमआईसी मेंबर और पार्षद भी उपस्थित रहे।

नगर निगम की भविष्य की योजना भी काफी व्यापक है। निगम अधिकारियों के अनुसार, फिलहाल दो द्वारों की योजना बनाई गई है, लेकिन आगे चलकर शहर के अन्य प्रमुख प्रवेश मार्गों जैसे बैरसिया रोड, रायसेन रोड, कोलार रोड, विदिशा रोड और मुबारकपुर सहित अन्य मार्गों पर भी ऐसे ही भव्य द्वार बनाए जाएंगे। इससे राजधानी भोपाल की सीमाएं स्पष्ट होंगी और शहर एक सांस्कृतिक विरासत के रूप में अपनी विशेष पहचान स्थापित करेगा।

मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में यह भी जोड़ा कि “ऐसे प्रयास हमारे प्रदेश को एक नई पहचान दिलाएंगे। हमारी सरकार केवल विकास तक सीमित नहीं है, हम अपने इतिहास और विरासत को साथ लेकर चलने में विश्वास रखते हैं।”

Leave a Reply