जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
कश्मीर के शोपियां जिले में सुरक्षाबलों ने सोमवार देर रात लश्कर-ए-तैयबा के तीन आतंकियों को मार गिराया है। इस ऑपरेशन को ‘ऑपरेशन केलर’ नाम दिया गया है, जो अभी भी जारी है। खुफिया इनपुट मिलने के बाद शोपियां के शुकरू जंगल क्षेत्र में आतंकियों के छिपे होने की जानकारी मिली थी। जवाबी कार्रवाई में सेना ने इलाके को घेरकर सटीक हमला किया। मारे गए तीन आतंकियों में से दो की पहचान हो चुकी है।
पहला आतंकी शाहिद कुट्टे शोपियां के ही चोटिपोरा हीरपोरा का रहने वाला था। वह 2023 में लश्कर में शामिल हुआ था और कई वारदातों में शामिल था — 2024 में डेनिश रिज़ॉर्ट गोलीकांड जिसमें दो जर्मन पर्यटक घायल हुए थे, भाजपा सरपंच की हत्या और टेरिटोरियल आर्मी के जवान की हत्या जैसे मामले उसके नाम दर्ज थे। दूसरा आतंकी अदनान शफी भी शोपियां का ही रहने वाला था और 2024 में वाची में प्रवासी मजदूर की हत्या में शामिल था।
इस बीच, साइबर सुरक्षा को लेकर भी गंभीर खतरे की बात सामने आई है। महाराष्ट्र साइबर सेल ने खुलासा किया है कि पहलगाम हमले के बाद पाकिस्तान और बांग्लादेश के हैकरों ने भारत पर 15 लाख साइबर अटैक किए, जिनमें से केवल 150 ही कामयाब हो सके।
इधर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार सुबह पंजाब के आदमपुर एयरबेस का दौरा किया और वहां जवानों से मुलाकात की। दरअसल, पाकिस्तान ने दावा किया था कि उसने आदमपुर एयरबेस को निशाना बनाया है जिसके बाद प्रधानमंत्री की यह यात्रा एक सशक्त जवाब के रूप में देखी जा रही है।
उधर, आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी भी पाकिस्तान की गोलीबारी में शहीद हुए जवान मुरली नाइक के परिवार से मिलने पहुंचे। मुरली 9 मई को एलओसी पार से हुई गोलीबारी में शहीद हुए थे।
बता दें, जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा और ऊर्जा ढांचे पर भी निगरानी तेज कर दी गई है। बगलिहार डैम के सभी गेट बंद कर दिए गए हैं। यह हाइड्रोइलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट चिनाब नदी पर रामबन जिले में बना हुआ है और किसी भी रणनीतिक खतरे की आशंका से इसे फिलहाल सील कर दिया गया है। वहीं, सोमवार रात जम्मू-कश्मीर, पंजाब और राजस्थान में दुश्मन ड्रोन की हरकतें देखी गई थीं, लेकिन सेना ने बाद में पुष्टि की कि ऐसा कोई खतरा नहीं है और सभी स्थानों पर स्थिति अब सामान्य है। हालांकि, सीमा पर तनाव थमा नहीं है। 7 मई को शुरू हुए ऑपरेशन सिंदूर के बाद से अब तक पाकिस्तानी गोलाबारी में 6 आर्मी जवान और 2 BSF जवान शहीद हो चुके हैं, जबकि 59 से ज्यादा जवान घायल हैं। साथ ही 28 नागरिकों की भी जान जा चुकी है।
इस बीच जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला भी हालात का जायजा लेने कुपवाड़ा के सिविल अस्पताल और तंगधार के बंकर क्षेत्रों में पहुंचे। उन्होंने शेलिंग से प्रभावित गांवों का दौरा किया और लोगों से मुलाकात की।