जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
मध्यप्रदेश में वर्तमान राष्ट्रीय परिस्थितियों और सुरक्षा परिदृश्य को ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने शुक्रवार को एक के बाद एक दो उच्चस्तरीय बैठकें कर प्रशासन और पुलिस अधिकारियों को अलर्ट मोड में ला दिया है। समत्व भवन (मुख्यमंत्री निवास) में शुक्रवार शाम हुई विशेष बैठक में उन्होंने राज्य स्तरीय वरिष्ठ प्रशासनिक एवं पुलिस अधिकारियों के साथ व्यापक मंथन किया। साथ ही वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रदेश के सभी कलेक्टर्स और पुलिस अधीक्षकों को तत्काल और ठोस निर्देश दिए गए।
मुख्यमंत्री ने साफ कहा कि सभी अधिकारी मैदान में नजर आने चाहिए, केवल बैठकों से काम नहीं चलेगा। जनता और जनप्रतिनिधियों को साथ लेकर चलने की रणनीति बनानी होगी। रिटायर्ड फौजी, सामाजिक कार्यकर्ता और वॉलिंटियर्स को भी सक्रिय किया जाए ताकि आवश्यक सेवाएं और जनसुरक्षा दोनों कायम रखी जा सके। उन्होंने यह भी दोहराया कि अपराधियों और शरारती तत्वों के साथ किसी प्रकार की नरमी नहीं बरती जाएगी और घटनाएं घटने से पहले ही सावधानी के सारे उपाय लागू किए जाएं।
बैठक में भारत सरकार से प्राप्त विस्तृत दिशा-निर्देशों को भी जिलों के अधिकारियों के साथ साझा किया गया। मुख्यमंत्री ने निर्देशित किया कि राज्य स्तरीय नियंत्रण कक्ष के अलावा सभी जिलों में स्थानीय नियंत्रण कक्ष तत्काल प्रभाव से सक्रिय हों और फायर ब्रिगेड, स्वास्थ्य सेवाएं, बिजली आपूर्ति और पेयजल जैसी मूलभूत सेवाएं सुचारू रूप से जारी रहें।
एक और बड़ा फैसला यह लिया गया कि सभी जिलों में मॉक ड्रिल करवाई जाएगी ताकि किसी भी आपात स्थिति में प्रशासन पूरी तरह तैयार रहे। मुख्यमंत्री ने यह चेतावनी भी दी कि सोशल मीडिया पर भ्रामक कंटेंट फैलाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। ऐसे मामलों में आईटी एक्ट और आपराधिक धाराओं के तहत मुकदमे दर्ज किए जाएंगे।
यह भी स्पष्ट किया गया कि वरिष्ठ अधिकारी अवकाश पर नहीं जाएंगे, और सभी जिलों में रात्रि गश्त, सार्वजनिक स्थलों की सुरक्षा और मॉक ड्रिल जैसे उपायों को समयबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा। जिलों को सायरन व्यवस्था, प्रशिक्षण कार्यक्रम और आपात योजनाएं भी तैयार रखने के निर्देश दिए गए।
बैठक में राज्य के सभी उच्च प्रशासनिक अधिकारी मौजूद रहे, जिनमें मुख्य सचिव अनुराग जैन, पुलिस महानिदेशक कैलाश मकवाना, मुख्यमंत्री कार्यालय में अपर मुख्य सचिव डॉ. राजेश राजौरा, गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव जे.एन. कंसोटिया, नगरीय विकास एवं आवास विभाग के संजय कुमार शुक्ल, सामान्य प्रशासन तथा विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के संजय दुबे, होमगार्ड के महानिदेशक अरविंद कुमार और एडीजी इंटेलिजेंस ए. साई मनोहर प्रमुख रहे।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव की इस आपात बैठक के बाद स्पष्ट हो गया है कि प्रदेश सरकार अब कोई भी जोखिम उठाने के मूड में नहीं है, और हर स्तर पर सुरक्षा को लेकर तत्परता और संवेदनशीलता दिखाई जा रही है। आम जनता से भी अपील की गई है कि वे सत्यापित जानकारी पर ही भरोसा करें और अफवाहों से बचें।