भारत को मिला नया जंगी जहाज़ ‘तमल’, रडार से भी रहेगा गायब; मई के अंत तक नौसेना को सौंपा जाएगा

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जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:

पहलगाम आतंकी हमले और भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच, भारत की सैन्य ताकत में एक और अहम और चौंकाने वाला इजाफा होने जा रहा है। रूस में तैयार किया गया एक अत्याधुनिक स्टील्थ युद्धपोत ‘तमल’ (Tamal) मई के अंतिम सप्ताह यानी 28 मई को भारतीय नौसेना को सौंप दिया जाएगा। ये जंगी जहाज जून में औपचारिक रूप से भारतीय नौसेना में शामिल किया जाएगा। खास बात यह है कि ‘तमल’ पूरी तरह से ब्रह्मोस मिसाइल से लैस है और इसकी बनावट ऐसी है कि यह दुश्मन के रडार में भी नहीं आता। यानी, यह पानी में चुपचाप दुश्मन को तबाह कर सकता है।

‘तमल’ युद्धपोत 2016 में भारत और रूस के बीच हुए एक बड़े रक्षा समझौते का हिस्सा है, जिसके तहत चार ‘तलवार-क्लास’ स्टील्थ फ्रिगेट बनाए जा रहे हैं। इनमें से दो जहाज रूस के यंतर शिपयार्ड में बन रहे हैं, और दो गोवा के शिपयार्ड में। ‘तमल’ रूस में बनने वाला दूसरा युद्धपोत है। इससे पहले दिसंबर 2024 में INS तुशिल को रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने रूस के कलिनिनग्राद शहर में नौसेना में कमीशन किया था। अब उसी श्रेणी में ‘तमल’ को भारत लाया जा रहा है, जो तकनीकी रूप से और भी ज्यादा उन्नत है।

इस मिशन में 200 से ज्यादा भारतीय नौसैनिक पहले ही रूस में युद्धपोत संचालन और तकनीकी प्रणाली की ट्रेनिंग ले चुके हैं। यही दल अब ‘तमल’ की समुद्री ट्रायल्स पूरी करने के बाद, मई के अंत तक इसे भारत लेकर आएगा।

सिर्फ यही नहीं, इस समझौते के तहत भारत के गोवा शिपयार्ड में भी दो अन्य स्टील्थ युद्धपोत बनाए जा रहे हैं, जिनके लिए आवश्यक इंजन पहले ही आयात किए जा चुके हैं। यह भारत की आत्मनिर्भर रक्षा नीति को मजबूती देने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।

गौरतलब है कि INS तुशिल रूस से 12,500 नॉटिकल मील का सफर तय कर भारत पहुंचा था और वह 9 दिसंबर 2024 को नौसेना में शामिल हुआ। अब ‘तमल’ उसकी जगह लेगा – और इससे भारत की समुद्री सीमाओं की सुरक्षा और हमला क्षमता पहले से कहीं अधिक मजबूत हो जाएगी।

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