जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
मध्य प्रदेश के जबलपुर स्थित रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय एक बार फिर विवादों में है। कभी परीक्षा केंद्र तो कभी रिजल्ट को लेकर सुर्खियों में रहने वाला यह विश्वविद्यालय अब एक गंभीर ऐतिहासिक गलती की वजह से सवालों के घेरे में आ गया है। बीएससी सेकेंड ईयर के फाउंडेशन कोर्स की परीक्षा में पूछे गए एक प्रश्न ने न केवल छात्रों को भ्रमित किया, बल्कि पूरे प्रदेश में आक्रोश की लहर दौड़ा दी है।
दरअसल, 3 मई को आयोजित परीक्षा में एक सवाल में रानी दुर्गावती के समाधि स्थल को ‘मकबरा’ कह दिया गया। प्रश्न संख्या 42 में पूछा गया – “रानी दुर्गावती का मकबरा कहां बना है?” और इसके चार विकल्प दिए गए:
(a) बरेला (जबलपुर),
(b) बम्हनी (जबलपुर),
(c) चारगुंवा (जबलपुर),
(d) डंडई (जबलपुर)।
इस प्रश्न के सामने आने के बाद न केवल छात्रों में असमंजस फैला, बल्कि सामाजिक संगठनों, इतिहास प्रेमियों और छात्र संगठनों में भी भारी रोष व्याप्त है। एनएसयूआई ने इस सवाल को वीरता और बलिदान की प्रतीक रानी दुर्गावती का अपमान बताते हुए प्रशासन से माफी और जिम्मेदारों पर कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि कार्रवाई नहीं की गई तो सड़क पर उतरकर विरोध प्रदर्शन किया जाएगा।
विश्वविद्यालय प्रशासन ने भी गलती स्वीकार करते हुए इसे ‘गंभीर चूक’ बताया है। परीक्षा नियंत्रक प्रोफेसर रश्मि टंडन ने बयान जारी करते हुए कहा, “रानी दुर्गावती का मकबरा नहीं, बल्कि समाधि स्थल है। यह ऐतिहासिक तथ्य है। प्रश्न में ‘मकबरा’ शब्द का उपयोग बेहद आपत्तिजनक और लापरवाहीपूर्ण है। हम इस चूक की जांच कर रहे हैं कि आखिर यह गलती कैसे हुई।”
बता दें, इतिहास की थोड़ी भी समझ रखने वाला व्यक्ति जानता है कि रानी दुर्गावती का समाधि स्थल है, न कि मकबरा। ‘मकबरा’ शब्द इस्लामिक परंपरा से जुड़ा होता है, जबकि रानी दुर्गावती हिंदू वीरांगना थीं, जिन्होंने मुगल आक्रांताओं से वीरता पूर्वक युद्ध करते हुए बलिदान दिया था।