एमपी कांग्रेस में बड़ा फेरबदल: संगठन से हटाकर प्रियव्रत सिंह को सौंपा चुनाव प्रबंधन विभाग, पंचायत से लेकर वार्ड स्तर तक बनेगी टीम!

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जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:

मध्यप्रदेश कांग्रेस में चुनावी तैयारियों को लेकर बड़ा प्रशासनिक बदलाव किया गया है। चार महीने पहले ही कांग्रेस संगठन के प्रभारी बनाए गए पूर्व मंत्री प्रियव्रत सिंह को अब इस जिम्मेदारी से हटाकर नया काम सौंपा गया है। उनकी जगह पूर्व मंत्री सुखदेव पांसे को संगठन का नया प्रभारी बना दिया गया है, जबकि प्रियव्रत सिंह को अब पार्टी के भीतर “चुनाव प्रबंधन विभाग” की कमान दी गई है। यह विभाग पहली बार कांग्रेस ने अलग से गठित किया है, जिससे आने वाले चुनावों में रणनीतिक रूप से मुकाबला किया जा सके।

इस नई जिम्मेदारी के साथ अब प्रियव्रत सिंह सीधे तौर पर चुनावी रणनीति, बूथ प्रबंधन, वोटर लिस्ट, और नैरेटिव सेटिंग जैसे अहम कामों को देखेंगे। कांग्रेस प्रदेश प्रभारी हरीश चौधरी की मंजूरी के बाद इस चुनाव प्रबंधन विभाग का गठन किया गया और एक प्रभावशाली टीम भी नियुक्त की गई है। इस टीम में गौरव रघुवंशी को अध्यक्ष, जबकि गोरकी बैरागी, मृणाल पंत, शैलेन्द्र पटेल और मयंक तेनगुरिया को सदस्य बनाया गया है।

कांग्रेस का यह चुनाव प्रबंधन विभाग अब हर विधानसभा क्षेत्र में प्रभारी नियुक्त करेगा, फिर पंचायत और वार्ड स्तर पर समितियां बनाई जाएंगी। ये समितियां सिर्फ कागजी नहीं होंगी, बल्कि स्थानीय राजनीतिक परिस्थिति, सोशल मीडिया की समझ और तकनीकी दक्षता जैसे पहलुओं को ध्यान में रखते हुए बनाई जाएंगी।

बीजेपी के ‘पन्ना प्रमुख मॉडल’ को चुनौती देने के लिए कांग्रेस ने यह रणनीति अपनाई है। अब कांग्रेस भी मतदाता सूची का बारीकी से अध्ययन करेगी और वोटर लिस्ट वेरिफिकेशन का काम जमीनी स्तर पर करेगी। पन्ना और अर्ध-पन्ना की काट के लिए अब कांग्रेस पंचायत और वार्ड समितियों को टारगेट कर रही है।

इस विभाग का एक और बड़ा फोकस रहेगा स्थानीय मुद्दों का दस्तावेजीकरण। पंचायतों और वार्ड समितियों से जमीनी स्तर पर जानकारी इकट्ठा की जाएगी और उसका डेटा तैयार किया जाएगा। यही डेटा आगे चलकर चुनावी नैरेटिव का आधार बनेगा। कौन से मुद्दे विधानसभा, जिला या प्रदेश स्तर पर उठाए जाने चाहिए, इसकी जिम्मेदारी भी चुनाव प्रबंधन विभाग की होगी।

प्रियव्रत सिंह ने इस पूरी प्रक्रिया को लेकर कहा,

“मेरे पास पहले से ही चुनाव प्रबंधन का अनुभव है। अब इसे औपचारिक विभाग का रूप दिया गया है। प्रदेश प्रभारी चौधरी जी का निर्देश है कि संगठन निर्माण और चुनाव की तैयारियां अब और तेज हों। मैं इस कार्य को प्राथमिकता से करूंगा, जबकि संगठन का काम अब सुखदेव पांसे जी संभालेंगे।”

कुल मिलाकर कांग्रेस ने अब साफ संकेत दे दिया है कि आगामी चुनाव की तैयारियां सिर्फ भाषणों या रैलियों तक सीमित नहीं रहेंगी — बल्कि एक संगठित और डाटा-बेस्ड ग्रासरूट मॉडल की नींव रखी जा रही है, जिसका मुकाबला बीजेपी के मजबूत बूथ मैनेजमेंट से करने की कोशिश की जाएगी।

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