जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
WAVES 2025 समिट के दौरान शनिवार का दिन मध्यप्रदेश के लिए एक ऐतिहासिक उपलब्धि से कम नहीं रहा। मुंबई के भव्य नीता मुकेश अंबानी सांस्कृतिक केंद्र (NMACC) में आयोजित “डिजिटल सपनों और सिनेमाई दृष्टिकोण के साथ: मध्यप्रदेश – अगला रचनात्मक केंद्र” विषय पर आधारित पैनल डिस्कशन में देश के टॉप डिजिटल, एनीमेशन और फिल्म जगत के विशेषज्ञों ने मध्यप्रदेश को भविष्य के एवीजीसी-एक्सआर (एनीमेशन, विजुअल इफेक्ट्स, गेमिंग, कॉमिक्स और एक्सटेंडेड रियलिटी) हब के रूप में स्थापित करने की दिशा में ठोस विचार साझा किए।
इस प्रभावशाली सत्र में मध्यप्रदेश के अपर मुख्य सचिव (आईटी, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी) श्री संजय दुबे, प्रमुख सचिव पर्यटन एवं संस्कृति तथा एमपी टूरिज्म बोर्ड के एमडी शिव शेखर शुक्ला, प्रख्यात फिल्म निर्माता एवं निर्देशिका एकता कपूर, फिक्की एवीजीसी फोरम व एमसीसीआईए एनिमेशन एंड गेमिंग कमेटी के चेयरमैन आशीष एस. कुलकर्णी, अगस्त मीडिया ग्रुप के फाउंडर ज्योर्तिमय सहा और क्रिएटिव लैंड स्टूडियोज़ की सीईओ शोभा सेंट जैसे नामचीन विशेषज्ञ मौजूद रहे। कार्यक्रम का संचालन वरिष्ठ पत्रकार और लेखक नमन रामचंद्रन ने किया। चर्चित अभिनेता अमित सियाल और शरद केलकर ने भी अपनी उपस्थिति से कार्यक्रम को गरिमा दी।
इस अवसर पर मध्यप्रदेश फिल्म पर्यटन नीति-2025 और AVGC-XR नीति-2025 को औपचारिक रूप से फिर से लॉन्च किया गया। साथ ही फिल्म फैसिलिटेशन पोर्टल के सेकंड फेस को भी लॉन्च किया गया, जिससे फिल्म निर्माताओं को लोकेशन से लेकर अनुमति तक की सारी प्रक्रियाएं आसान हो जाएंगी।
इस दौरान संजय दुबे ने कहा कि फिल्म निर्माण में शूटिंग के साथ-साथ प्री प्रोडक्शन और पोस्ट प्रोडक्शन का भी अहम स्थान है। AVGC-XR नीति इसी को ध्यान में रखकर तैयार की गई है ताकि फिल्म निर्माताओं को शूटिंग के साथ-साथ पूरी प्रक्रिया के लिए मध्यप्रदेश ही मुफीद लगे। खास बात यह है कि निर्माता एक नीति में अप्लाई कर दोनों नीतियों का लाभ प्राप्त कर सकते हैं।
वहीं एकता कपूर ने कहा कि मध्यप्रदेश न सिर्फ वित्तीय सहायता और ईज ऑफ शूट के लिहाज से अग्रणी है, बल्कि यहां की समृद्ध संस्कृति, विरासत और लोकेशंस भी फिल्म निर्माण के लिए बेहद उपयुक्त हैं। उन्होंने स्पेन का उदाहरण देते हुए कहा कि मध्यप्रदेश की फिल्म नीति भी अंतर्राष्ट्रीय निर्माताओं को आकर्षित करने में सक्षम है।
प्रमुख सचिव शिव शेखर शुक्ला ने फिल्म पर्यटन नीति की विशेषताओं का उल्लेख करते हुए बताया कि पहली बार शूट करने पर अधिकतम 1.5 करोड़ रुपये, दूसरी बार पर 1.75 करोड़ और तीसरी बार पर 2 करोड़ रुपये तक की सब्सिडी दी जा सकती है। स्थानीय कलाकारों और भाषाओं को प्रमोट करने पर अतिरिक्त प्रोत्साहन राशि भी दी जाती है, जिससे स्थानीय प्रतिभाओं को बढ़ावा मिलेगा। साथ ही उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश अब मुंबई को भी शूटिंग हब की दौड़ में कड़ी टक्कर देने को तैयार है।
वहीं, आशीष कुलकर्णी ने मध्यप्रदेश को एक लागत-प्रभावी डेस्टिनेशन बताया, जहाँ मुंबई या अन्य मेट्रो सिटी की तुलना में अधोसंरचना और क्रिएटिव टैलेंट सस्ता व सुलभ है। वहीं शोभा सेंट ने यह रेखांकित किया कि प्रदेश की विविधतापूर्ण प्राकृतिक और ऐतिहासिक लोकेशन देश में अद्वितीय हैं। उन्होंने कहा कि जो भी एक बार मध्यप्रदेश में शूट करता है, वो बार-बार यहीं लौटता है। बता दें, इस सत्र में AVGC-XR सेक्टर में स्किल डेवेलपमेंट, तकनीकी नवाचार, निवेश अवसर और कंटेंट निर्माण की संभावनाओं पर भी गहन मंथन हुआ।