जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ता तनाव अब कई स्तरों पर खुलकर सामने आ गया है। भारत सरकार ने शनिवार को एक बड़ा और कड़ा फैसला लेते हुए पाकिस्तान से आने वाले सभी सामानों के आयात (इंपोर्ट) पर पूरी तरह रोक लगा दी है। जारी किए गए आधिकारिक नोटिफिकेशन में कहा गया है कि यह प्रतिबंध तुरंत प्रभाव से लागू होगा, और यदि किसी को इस पर छूट चाहिए, तो उसे केंद्र सरकार से विशेष अनुमति लेनी होगी। इस फैसले को राष्ट्रीय सुरक्षा से जोड़ते हुए देशहित में एक निर्णायक कदम बताया गया है।
इस फैसले के बाद देश के रक्षा प्रतिष्ठानों में भी हलचल तेज हो गई है। मध्य प्रदेश के जबलपुर और महाराष्ट्र के चंद्रपुर स्थित ऑर्डनेंस फैक्ट्रियों में कर्मचारियों की छुट्टियां तत्काल प्रभाव से रद्द कर दी गई हैं। फैक्ट्री प्रबंधन ने कहा कि यह समय राष्ट्रीय आपात जैसा है, और इस वक्त कार्य में कोई ढील नहीं दी जा सकती।
दूसरी ओर, पाकिस्तान की ओर से उकसावे की कार्रवाई लगातार जारी है। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने सिंधु जल संधि को लेकर धमकी भरा बयान देते हुए कहा है कि अगर भारत ने सिंधु नदी का पानी रोका, तो पाकिस्तान हमला कर देगा। यह बयान तब आया जब पहले ही जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा, उरी और अखनूर जैसे इलाकों में पाकिस्तानी सेना लगातार नौवें दिन सीजफायर का उल्लंघन कर रही है। भारतीय सेना हर हमले का मुंहतोड़ जवाब दे रही है।
भारत ने पाकिस्तान की डिजिटल गतिविधियों पर भी सख्ती दिखाई है। शुक्रवार रात भारत सरकार ने पाकिस्तान के सूचना एवं प्रसारण मंत्री अताउल्लाह तरार का X (पूर्व ट्विटर) अकाउंट ब्लॉक कर दिया। इसके साथ ही प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ का ऑफिशियल यूट्यूब और इंस्टाग्राम अकाउंट भी ब्लॉक किया गया। यह कार्रवाई उनके भारत विरोधी बयानों और डिजिटल माध्यम से फैलाए जा रहे प्रोपेगैंडा के खिलाफ की गई है।
इसी बीच एक और खतरनाक मोर्चा खुला – साइबर अटैक का। महाराष्ट्र साइबर पुलिस ने खुलासा किया है कि पहलगाम हमले के बाद से भारत पर करीब 10 लाख साइबर हमले किए जा चुके हैं। इन हमलों में सरकारी पोर्टल्स, वेबसाइट्स और डेटा सर्वर को निशाना बनाया गया है। डीजीपी यशस्वी यादव ने बताया कि ये हमले कुछ खास इस्लामिक हैकर ग्रुप्स से जुड़े हैं जिन्होंने खुद को आतंकी संगठनों से संबंधित बताया है।
इस बीच खबर है कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) भारत-पाक मुद्दे पर विशेष मीटिंग बुला सकती है। ग्रीस के स्थायी प्रतिनिधि इवानगेलोस सेकेरीस ने कहा कि “टकराव को टालने के लिए जल्द से जल्द यह बैठक होना जरूरी है।” वहीं चीन के राजदूत ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री से मुलाकात कर संयम बरतने की अपील की है।