9 साल पुरानी सीनियरिटी से चमकी किस्मत! 2023 में बने आईपीएस, लेकिन अब माने जाएंगे 2016 बैच के अफसर – मध्यप्रदेश के चार अधिकारियों को बड़ा तोहफा

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जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:

मध्यप्रदेश पुलिस सेवा से आईपीएस कैडर में प्रमोट हुए चार वरिष्ठ अधिकारियों की किस्मत केंद्र सरकार के एक फैसले से अचानक चमक उठी है। ये अफसर भले ही 2023 में आईपीएस बने हों और 2024 में उनका आधिकारिक नोटिफिकेशन जारी हुआ हो, लेकिन अब इन्हें 2016 बैच के आईपीएस अफसरों के समकक्ष सीनियरिटी मिल गई है। यानी नौ साल की एक बड़ी छलांग—जो सीधे तौर पर इनकी प्रमोशन, पोस्टिंग और वेतनमान पर सकारात्मक असर डालेगी।

इन अफसरों में शामिल हैं –
प्रकाश सिंह परिहार (1995 बैच),
दिलीप कुमार सोनी (1997 बैच),
अवधेश प्रताप सिंह (1997 बैच),
राजेंद्र कुमार वर्मा (1997 बैच)

इन सभी को चार महीने पहले ही आईपीएस कैडर में प्रमोशन मिला था, लेकिन अब सीनियरिटी के पैमाने पर उन्हें 2016 बैच के डॉ. संजय कुमार अग्रवाल के ठीक नीचे और 2017 बैच के अंकित सोनी के ऊपर जगह दी गई है। यह बदलाव न केवल कैडर सूची की स्थिति को प्रभावित करेगा, बल्कि कई बड़े पदों के लिए इन अफसरों की दावेदारी को भी मजबूती देगा।

इस सूची में शामिल अफसर दिलीप कुमार सोनी को हाल ही में मऊगंज का पुलिस अधीक्षक (एसपी) नियुक्त किया गया है। उनकी यह तैनाती तब हुई जब मऊगंज के गड़रा गांव में हिंसा की एक बड़ी घटना के बाद तत्कालीन एसपी रसना ठाकुर को हटाया गया। इस हिंसा में एक पुलिसकर्मी और एक ग्रामीण की हत्या हुई थी, साथ ही कई पुलिसकर्मी पथराव और हमले का शिकार हुए थे।

आखिर क्या होती है सीनियरिटी?

सरकारी सेवाओं में सीनियरिटी यानी वरिष्ठता का सीधा असर अफसरों के प्रमोशन, महत्वपूर्ण पोस्टिंग, ट्रेनिंग और वेतनमान पर पड़ता है। वरिष्ठता जितनी पुरानी होती है, उतनी ही जल्दी अफसर उच्च पदों तक पहुँच सकते हैं। इस नए आदेश से अब ये चारों अधिकारी 2016 बैच के समकक्ष माने जाएंगे और 2017 या बाद के किसी भी बैच के आईपीएस अफसर से सीनियर हो जाएंगे।

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