भोपाल-इंदौर मेट्रोपॉलिटन योजना को लेकर सीएम गंभीर, बोले- समयसीमा में पूरी हो हर कानूनी प्रक्रिया; CM ने बताया – भोपाल-इंदौर मेट्रोपॉलिटन क्षेत्रों को जोड़ेंगे देवास और सीहोर!

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जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने प्रदेश के नागरिकों को विश्वस्तरीय सुविधाएं उपलब्ध कराने और राज्य की अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ बनाने के उद्देश्य से भोपाल-इंदौर मेट्रोपॉलिटन क्षेत्रों के विकास कार्यों को तेजी से पूरा करने के निर्देश दिए हैं। समत्व भवन (मुख्यमंत्री निवास) में आयोजित बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने स्पष्ट रूप से कहा कि प्रस्तावित दोनों महानगरीय क्षेत्रों में आर्थिक विकास की असीम संभावनाएं मौजूद हैं, जिन्हें सुनियोजित कार्ययोजना के माध्यम से साकार किया जाना चाहिए। इस अवसर पर राजस्व मंत्री करणसिंह वर्मा, नगरीय विकास राज्य मंत्री प्रतिमा बागरी, मुख्य सचिव अनुराग जैन, अपर मुख्य सचिव डॉ. राजेश राजौरा सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।

मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि दोनों मेट्रोपॉलिटन क्षेत्रों में सुगम यातायात व्यवस्था स्थापित करने पर विशेष ध्यान दिया जाए। उन्होंने कहा कि इससे संबंधित सभी एजेंसियों को समन्वित रूप से कार्य करना होगा ताकि विकास कार्यों में गति लाई जा सके। डॉ. यादव ने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि मेट्रोपॉलिटन क्षेत्रों में भूमि का नियोजित और संतुलित विकास सुनिश्चित किया जाए। औद्योगिक और व्यावसायिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए निवेशकों को आकर्षित करने की रणनीति अभी से बनाई जाए ताकि भविष्य में इन क्षेत्रों का आर्थिक परिदृश्य और अधिक समृद्ध हो सके।

मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि दोनों मेट्रोपॉलिटन क्षेत्रों के मध्य आने वाले देवास और सीहोर जिले परस्पर जुड़ेंगे, जिससे प्रदेश का एक विशाल क्षेत्र समन्वित विकास का आदर्श उदाहरण बनेगा। उन्होंने इस बात पर भी बल दिया कि इन परियोजनाओं में जनप्रतिनिधियों से प्राप्त सुझावों को सम्मिलित करते हुए योजनाओं को क्रियान्वित किया जाए। मुख्यमंत्री ने याद दिलाया कि पूर्व में भी जनप्रतिनिधियों के साथ विचार-विमर्श सत्र आयोजित किए जा चुके हैं, जिनके निष्कर्षों का उपयोग अब कार्य योजना में किया जाएगा।

बैठक के दौरान नगरीय विकास एवं आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि भोपाल-इंदौर मेट्रोपॉलिटन क्षेत्र के विकास में अपनी सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित रखने और पर्यावरण की दृष्टि से ग्रीन बेल्ट का निर्माण करना अनिवार्य होगा। उन्होंने कहा कि इस परियोजना के माध्यम से राज्य के इकॉनामिक कॉरिडोर के विजन को भी मूर्त रूप दिया जा सकेगा। वहीं, पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री प्रह्लाद सिंह पटेल ने कहा कि योजना के प्रारंभिक चरण में सेमी-अर्बन क्षेत्रों की बुनियादी जरूरतों को ध्यान में रखते हुए समावेशी प्लानिंग की जानी चाहिए ताकि ग्रामीण और शहरी इलाकों के बीच संतुलन बना रहे।

बैठक में अपर मुख्य सचिव संजय शुक्ल ने प्रजेंटेशन के माध्यम से बताया कि पहला मेट्रोपॉलिटन क्षेत्र इंदौर, उज्जैन, देवास और धार जिलों को मिलाकर प्रस्तावित है, जबकि दूसरा मेट्रोपॉलिटन क्षेत्र भोपाल, सीहोर, रायसेन, विदिशा और ब्यावरा (राजगढ़) जिलों को मिलाकर बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इससे संबंधित आवश्यक वैधानिक प्रक्रियाएं तेज गति से पूरी की जा रही हैं और आगामी विधानसभा सत्र से पूर्व सभी तैयारियां पूरी कर ली जाएंगी।

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