जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
मध्यप्रदेश में इस बार अप्रैल का महीना तपिश और तनाव दोनों लेकर आया है। एक ओर प्रदेश के ज़्यादातर हिस्सों में सूरज आग उगल रहा है, तो वहीं दूसरी ओर मौसम विभाग ने 26 और 27 अप्रैल को बारिश की चेतावनी भी जारी कर दी है। ये मौसम का ऐसा दोहरा रूप है जिसने आम जनता से लेकर प्रशासन तक को अलर्ट मोड पर ला दिया है।
गुरुवार को 21 जिलों में लू का प्रचंड कहर देखने को मिलेगा। ग्वालियर, मुरैना, भिंड, मंदसौर, रतलाम, नीमच, बुरहानपुर, नर्मदापुरम, बैतूल, पांढुर्णा, बालाघाट, सतना, दमोह, छतरपुर और टीकमगढ़ जैसे जिले रेड जोन में आ चुके हैं। यहां तापमान 43 से 45 डिग्री के बीच दर्ज किया जा रहा है और लू के थपेड़ों ने दोपहर को घर से बाहर निकलना खतरे से खाली नहीं छोड़ा है।
इंदौर, उज्जैन और भोपाल जैसे बड़े शहर भी भीषण गर्मी की चपेट में हैं। उज्जैन का तापमान 41.7 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है, जबकि भोपाल 40.6 डिग्री और इंदौर 41 डिग्री पर तप रहा है। सबसे चौंकाने वाला तापमान रतलाम में दर्ज किया गया है, जहां पारा 44.2 डिग्री तक चढ़ गया।
मौसम वैज्ञानिकों की मानें तो बंगाल की खाड़ी में बना साइक्लोनिक सर्कुलेशन सिस्टम अप्रैल के आखिरी सप्ताह में और ज़्यादा असर दिखा सकता है। उत्तर-पश्चिमी हवाओं के जोर से रातें भी अब गर्म होती जा रही हैं, और न्यूनतम तापमान 27 से 30 डिग्री तक दर्ज किया जा रहा है। यानी, रातों में भी एसी और कूलर के बिना नींद आना मुश्किल हो रहा है।
सीनियर मौसम वैज्ञानिक के अनुसार, आने वाले दो दिनों तक इंदौर, ग्वालियर और उज्जैन संभाग सबसे गर्म रहने वाले हैं। वहीं 26 और 27 अप्रैल को पूर्वी और दक्षिणी जिलों – जैसे छिंदवाड़ा, पांढुर्णा, सिवनी, मंडला और बालाघाट में हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है। ये बारिश कुछ राहत जरूर देगी, लेकिन इसके तुरंत बाद गर्मी का अगला दौर और भी अधिक तीव्र हो सकता है।
पूरे प्रदेश में इस वक्त ‘डबल अटैक’ की स्थिति बन गई है – एक तरफ जानलेवा गर्मी और दूसरी तरफ अप्रत्याशित बारिश की दस्तक। ऐसे में स्कूली बच्चों, बुजुर्गों और रोज़ काम पर जाने वाले नागरिकों के लिए ये मौसम किसी बड़ी चुनौती से कम नहीं है। स्वास्थ्य विभाग ने सलाह दी है कि दोपहर 12 से 4 के बीच घर से बाहर न निकलें, पानी और इलेक्ट्रोलाइट्स का ज़्यादा सेवन करें और लगातार मौसम अपडेट्स पर ध्यान रखें।