जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल से सटे औद्योगिक क्षेत्र मंडीदीप में मंगलवार-बुधवार की दरमियानी रात गेल (GAIL) प्लांट में गैस लीक की बड़ी घटना सामने आई। रात करीब 12 बजे एलएनजी को पीएनजी में बदलने वाले इस प्लांट में अचानक गैस रिसाव शुरू हुआ, जिससे पूरा क्षेत्र दहशत और अफरा-तफरी में तब्दील हो गया। जैसे ही लीक की सूचना फैली, स्थानीय प्रशासन, पुलिस, फायर ब्रिगेड और सुरक्षा एजेंसियों में हलचल मच गई।
गैस रिसाव को गंभीरता से लेते हुए एनडीआरएफ और एसडीईआरएफ की टीमें भी मौके पर भेजी गईं। लगभग 10 घंटे की मशक्कत के बाद बुधवार सुबह 10 बजे जाकर गैस का रिसाव नियंत्रित किया गया। इस दौरान गेल प्लांट के आसपास के एक किलोमीटर के इलाके में बैरिकेडिंग लगाकर आम नागरिकों की आवाजाही पूरी तरह रोक दी गई। साथ ही नगर पालिका के दमकल विभाग, पुलिस, होमगार्ड और स्वास्थ्य अमला पूरी रात अलर्ट पर रहा।
इस पूरे घटनाक्रम के दौरान स्थानीय निवासी पूरी तरह डर के साए में रहे। हालांकि गेल के प्रोजेक्ट मैनेजर डी. डोंगरे ने स्थिति को नियंत्रण में बताया और यह भी स्पष्ट किया कि किसी प्रकार के जान-माल के नुकसान की आशंका नहीं है। उन्होंने कहा कि फिलहाल स्कूलों की छुट्टी या लोगों को क्षेत्र खाली कराने की कोई आवश्यकता नहीं पड़ी। बावजूद इसके लोगों के बीच भय और असुरक्षा की भावना बनी रही।
घटना की जानकारी मिलते ही कलेक्टर अरुण विश्वकर्मा, एसडीएम चंद्रशेखर श्रीवास्तव, एसडीपीओ शीला सुरणा और अन्य प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंचे और प्लांट का निरीक्षण किया। कलेक्टर ने बताया कि सुबह 5 बजे प्रशासन को इसकी सूचना मिली और तुरंत सैनिटाइजेशन, बैरिकेडिंग और फील्ड एक्शन प्लान लागू किया गया। उन्होंने कहा कि घटना के बाद गेल प्लांट का सेफ्टी ऑडिट कराया जा रहा है और भविष्य में इस तरह की घटनाएं रोकने के लिए सेफ्टी SOPs (Standard Operating Procedures) तैयार किए जाएंगे।
गेल प्लांट, जो मंडीदीप के शासकीय सिविल अस्पताल के पास स्थित है, यहां से डोमेस्टिक, कमर्शियल और इंडस्ट्रियल यूनिट्स में पीएनजी गैस की आपूर्ति होती है। प्लांट की क्षमता 7500 एससीएम तक की है और यह क्षेत्र के लिए ऊर्जा का प्रमुख स्रोत माना जाता है। यही कारण है कि इस प्रकार की घटना से न सिर्फ स्थानीय उद्योग, बल्कि आम नागरिकों की सुरक्षा पर भी सवाल उठने लगे हैं।
गौरतलब है कि यह पहली बार नहीं है जब इस प्लांट में रिसाव की घटना हुई है। करीब दो साल पहले भी इसी प्लांट में गैस लीक हुआ था, जिसमें मरकैप्टन के कुछ बूंद गिरने से आंखों में जलन, चक्कर और उल्टी जैसी समस्याएं हुई थीं। उस समय भी सतलापुर क्षेत्र तक गंध फैलने से स्थानीय लोगों में हड़कंप मच गया था।