जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
मध्यप्रदेश की धरती, जहाँ कभी मंदाकिनी-शिप्रा की शांत लहरें आत्मा को शीतल करती थीं, आज वही धरती प्रकृति के ताप से जल रही है। जी हाँ, मध्यप्रदेश में अप्रैल का दूसरा पखवाड़ा शुरू होते ही मौसम का मिज़ाज पूरी तरह बदल गया है। 16 अप्रैल से राज्य में हीट वेव (लू) का गंभीर असर देखने को मिलेगा। खासकर इंदौर, उज्जैन, ग्वालियर और चंबल संभाग के जिलों में गर्म हवा का प्रचंड प्रभाव रहेगा। वहीं दूसरी ओर, राज्य के पूर्वी हिस्सों में हल्की बारिश और बादलों की गतिविधियाँ भी जारी रहेंगी। यह विपरीत मौसम प्रदेशवासियों के लिए मुश्किलें बढ़ाने वाला साबित हो सकता है।
मौसम विभाग के अनुसार, आने वाले दिनों में प्रदेश के कई हिस्सों में पारा 42 से 45 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच सकता है। रतलाम में तो अभी से तापमान 42 डिग्री दर्ज हो चुका है, वहीं उज्जैन और धार जैसे शहर 41 डिग्री की तपिश झेल रहे हैं। भोपाल और इंदौर जैसे बड़े शहर भी अब 40 डिग्री के करीब पहुंच चुके हैं। अगले 2 से 3 दिन तक 11 जिलों में लू का अलर्ट जारी किया गया है।
मौसम वैज्ञानिकों का मानना है कि अप्रैल के तीसरे सप्ताह में पश्चिमी हवाओं का दबाव बढ़ेगा, जिससे न्यूनतम तापमान 25-27 डिग्री और अधिकतम तापमान 44 डिग्री तक जा सकता है। इसी दौरान हल्की बारिश भी हो सकती है, लेकिन इसका प्रभाव अल्पकालिक होगा। चौथे सप्ताह में गर्मी और भी भयंकर हो जाएगी। दिन के साथ-साथ अब रातें भी तपने लगेंगी। तापमान सामान्य से 3-4 डिग्री ज्यादा रह सकता है। ग्वालियर, चंबल, सागर और रीवा संभाग के जिलों में पारा 45 डिग्री तक पहुंचने का अनुमान है।
इतना ही नहीं, मई तक प्रदेश में 15 से 20 दिन हीट वेव चल सकती है, और अप्रैल-मई मिलाकर 30 से 35 दिन तक गर्म हवाएं चलेंगी। मौसम के इस बदले स्वरूप से साफ है कि मध्यप्रदेश अगले 2 महीनों तक लू के तांडव का गवाह बनने जा रहा है। चाहे गांव हों या शहर, हर जगह गर्मी का कहर बरसेगा।