जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में मंगलवार को मंत्रालय में कैबिनेट की महत्वपूर्ण बैठक हुई, जिसमें जनता से जुड़े कई बड़े और ऐतिहासिक फैसले लिए गए। इस बैठक में खासतौर पर शिक्षा, स्वास्थ्य, पशुपालन, सिंचाई, सड़क विकास और ऊर्जा के क्षेत्र में कई योजनाओं को हरी झंडी दी गई।
सबसे अहम फैसला प्रदेश में मेडिकल शिक्षा के विस्तार से जुड़ा रहा। अब राज्य सरकार पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP) मॉडल पर निजी मेडिकल कॉलेज खोलने की सुविधा देगी। इसके तहत निवेशकों को 1 रुपए भू-भाटक पर 25 एकड़ जमीन उपलब्ध कराई जाएगी। पहले निजी कॉलेज शुरू करने के लिए निवेशक को अपनी जमीन खुद जुटानी होती थी, लेकिन अब सरकार की यह पहल मेडिकल सुविधाओं को छोटे शहरों तक पहुँचाने में मददगार साबित होगी। साथ ही, निजी मेडिकल कॉलेजों को जिला अस्पतालों से जोड़ा जाएगा और एक कमेटी बनाई जाएगी, जिसमें अस्पताल के प्रतिनिधि भी होंगे। इन अस्पतालों में 75% तक नि:शुल्क इलाज आयुष्मान कार्डधारकों को मिलेगा।
दूसरी ओर, पशुपालन के क्षेत्र में भी बड़ा बदलाव किया गया है। कैबिनेट ने फैसला लिया कि अब गायों के आहार पर मिलने वाला अनुदान 20 रुपए से बढ़ाकर 40 रुपए प्रति दिन कर दिया जाएगा। इसके अलावा, गौशालाओं के निर्माण को बढ़ावा देने के लिए PPP मॉडल पर काम किया जाएगा। 5000 से लेकर 20,000 गौवंश रखने की क्षमता वाली बड़ी गौशालाएं बनाई जाएंगी, जिनमें सीएनजी, सोलर जैसे उत्पादों का भी निर्माण किया जा सकेगा।
एक नई योजना “डॉ. भीमराव अंबेडकर दुग्ध उत्पादन योजना” की भी घोषणा की गई है, जिसे 14 अप्रैल को डॉ. अंबेडकर जयंती के दिन लॉन्च किया जाएगा। इस योजना के तहत एक व्यक्ति 25 गाय या भैंसों की एक यूनिट स्थापित कर सकेगा। इसमें एससी/एसटी वर्ग को 33% और सामान्य/ओबीसी वर्ग को 25% तक की सब्सिडी दी जाएगी। एक यूनिट का खर्च लगभग 42 लाख रुपए होगा और एक व्यक्ति अधिकतम आठ यूनिट स्थापित कर सकेगा। यानी वह 200 गाय या भैंसों के माध्यम से बड़ा डेयरी बिजनेस शुरू कर सकता है, जिससे 50 लोगों को रोजगार भी मिलेगा। यह योजना आत्मनिर्भर ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए अहम कदम मानी जा रही है।
कैबिनेट बैठक में ग्वालियर और सागर बायपास के लिए बड़ी मंजूरी दी गई है। केंद्र सरकार ने इन और अन्य सड़क परियोजनाओं के लिए 4303 करोड़ रुपए की राशि मंजूर की है। इसमें ग्वालियर पश्चिमी बायपास (28.5 किमी, लागत 1426 करोड़) और सागर बायपास (688 करोड़) प्रमुख हैं। साथ ही संदलपुर-नसरुल्लागंज जैसे प्रोजेक्ट भी इसमें शामिल हैं।
सिंचाई के क्षेत्र में भी बड़ा फैसला लिया गया है। पार्वती-कालीसिंध-चंबल नदी लिंक परियोजना को मंजूरी दी गई है, जिससे 60,000 हेक्टेयर भूमि में सिंचाई हो सकेगी। इसके लिए 2932 करोड़ रुपए की राशि मंजूर की गई है। मंदसौर जिले की मल्हारगढ़ सूक्ष्म सिंचाई योजना को भी हरी झंडी दी गई है, जिससे किसानों को लाभ मिलेगा।
बिजली कंपनियों को भी राहत दी गई है। सरकार ने 2024-25 से 2028-29 तक हर साल 12,466 करोड़ रुपए की गारंटी देने का फैसला किया है, जिससे इन कंपनियों का कैश फ्लो बरकरार रह सकेगा। इसके लिए सरकार 0.5% ब्याज दर पर गारंटी देगी।
शिक्षा के क्षेत्र में, एजुसेट इंडिया लिमिटेड के साथ एमओयू करने का निर्णय लिया गया है ताकि शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार हो सके। इसके अलावा, लोक वित्त से चलने वाली परियोजनाओं के परीक्षण को भी प्रशासकीय स्वीकृति दी गई है।
राजनीतिक और सांस्कृतिक गतिविधियों की बात करें तो, 14 अप्रैल को डॉ. भीमराव अंबेडकर की जयंती पर पूरे प्रदेश में भव्य कार्यक्रम आयोजित होंगे। वहीं, 12 से 14 अप्रैल तक दिल्ली के लाल किले पर सम्राट विक्रमादित्य पर आधारित विक्रम महोत्सव का आयोजन होगा, जिसमें मध्यप्रदेश के सभी मंत्री शामिल होंगे और सम्राट विक्रमादित्य की उपलब्धियों को नाटक और एक्सपो के माध्यम से प्रस्तुत किया जाएगा।
कैबिनेट बैठक में यह भी बताया गया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 17 अप्रैल को अशोकनगर जिले में स्थित आनंदपुर ट्रस्ट आश्रम का दौरा करेंगे। इसके पहले, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह 13 अप्रैल को भोपाल आएंगे और उनकी उपस्थिति में राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड तथा राज्य सरकार व दुग्ध संघों के बीच अनुबंध किए जाएंगे।