जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
म्यांमार में शुक्रवार सुबह 11:50 बजे 7.7 तीव्रता का शक्तिशाली भूकंप आया, जिससे देशभर में भारी तबाही मच गई। जर्मन रिसर्च सेंटर फॉर जियोसाइंसेज (GFZ) और अमेरिकी जियोलॉजिकल सर्वे (USGS) के अनुसार, भूकंप का केंद्र मांडले शहर के पास, 10 किलोमीटर गहराई में था।
इस भूकंप के कारण म्यांमार में ऐतिहासिक मंदिरों, घरों और पुलों को भारी नुकसान पहुंचा, वहीं थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक में भी जबरदस्त झटके महसूस किए गए। बैंकॉक में एक निर्माणाधीन इमारत गिर गई, जिससे वहां कई लोग मलबे में दब गए। भूकंप के झटके दक्षिण-पश्चिम चीन के यून्नान प्रांत तक महसूस किए गए।
भूकंप के सबसे ज्यादा प्रभाव मांडले, सागाइंग, क्यौकसे, प्यिन ऊ ल्विन और श्वेबो जैसे प्रमुख शहरों में देखने को मिले। मांडले में स्थित ऐतिहासिक शाही महल “मांडले पैलेस” के कई हिस्से क्षतिग्रस्त हो गए, वहीं सागाइंग क्षेत्र के एक प्रमुख पुल के पूरी तरह नष्ट होने की खबरें हैं।
इरावदी नदी पर बना एक विशाल पुल भी भूकंप की वजह से ढह गया, जिससे यातायात पूरी तरह ठप हो गया है। राजधानी नेपीता (Naypyidaw) में कई सड़कों में गहरी दरारें आ गई हैं, जिससे जनजीवन प्रभावित हुआ है।
सरकार ने बुलाई आपात बैठक, राहत कार्य जारी
- म्यांमार सरकार ने बचाव एवं राहत कार्यों के लिए आपातकालीन बैठक बुलाई है।
- भूकंप प्रभावित इलाकों में हेलीकॉप्टर और बचाव दल भेजे गए हैं।
- पुलिस, सेना और स्वयंसेवी संगठनों को राहत कार्यों में लगाया गया है।
थाईलैंड के बैंकॉक तक महसूस हुए भूकंप के झटके, इमारत ढही
भूकंप का प्रभाव म्यांमार के बाहर भी देखा गया। थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक, जो भूकंप के केंद्र से लगभग 1000 किलोमीटर दूर है, वहां भी तेज झटके महसूस किए गए।
- एक निर्माणाधीन इमारत गिर गई, जिससे कई लोग मलबे में दब गए।
- बहुमंजिला इमारतों में कंपन महसूस किया गया, लोग घबराकर घरों और दफ्तरों से बाहर निकल आए।
- स्वीमिंग पूल के पानी में ऊंची-ऊंची लहरें उठती देखी गईं।
बता दें, चीन की सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ ने चाइना अर्थक्वेक नेटवर्क्स सेंटर के हवाले से भूकंप की तीव्रता 7.9 बताई, जबकि अमेरिकी जियोलॉजिकल सर्वे और जर्मन GFZ के अनुसार यह 7.7 था।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जताई चिंता, भारत मदद को तैयार
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक्स (Twitter) पर लिखा, “म्यांमार और थाईलैंड में भूकंप के बाद की स्थिति से चिंतित हूं। सभी की सुरक्षा और खुशहाली के लिए प्रार्थना करता हूं। भारत हर संभव सहायता देने के लिए तैयार है। इस संबंध में, हमने अपने अधिकारियों से तैयार रहने को कहा है। साथ ही विदेश मंत्रालय से म्यांमार और थाईलैंड की सरकारों के साथ संपर्क में रहने को कहा है।”