मध्यप्रदेश के विकास पुरुष डॉ. मोहन यादव का 60वां जन्मदिवस – देशभर से शुभकामनाओं की हुई बौछार; प्रधानमंत्री मोदी, अमित शाह और शिवराज सिंह ने दी बधाई

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जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:

25 मार्च 2025—यह दिन सिर्फ एक तारीख नहीं, बल्कि मध्यप्रदेश की राजनीतिक यात्रा में एक ऐतिहासिक मील का पत्थर है। इस दिन प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव 60वें वर्ष में प्रवेश कर चुके हैं। उन्होंने अपनी कर्मठता और अडिग संकल्पशक्ति से प्रदेश को विकास के नए आयाम तक पहुँचाने का बीड़ा उठाया। इस खास मौके पर प्रदेश समेत देश के दिग्गज नेताओं ने उन्हें जन्मदिन की बधाई दी. पीएम मोदी, अमित शाह समेत शिवराज सिंह ने भी सीएम यादव के लिए मंगलकामना के साथ ट्वीट किया।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक्स पर ट्वीट करके लिखा, ‘मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं। उन्होंने मध्य प्रदेश के लोगों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए अनेक पहल की हैं। ईश्वर उन्हें जनता की सेवा करते हुए दीर्घायु और स्वस्थ जीवन प्रदान करें।’ दूसरी तरफ, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी सीएम यादव को जन्मदिन की बधाई दी।

एमपी के पूर्व सीएम और केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी सीएम मोहन यादव को जन्मदिन की बधाई दी। उन्होंने एक्स पर लिखा, “मध्यप्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव जी को जन्मदिन की हार्दिक बधाई! ईश्वर से आपके उत्तम स्वास्थ्य, सुदीर्घ और मंगलमय जीवन के लिए प्रार्थना करता हूँ। आपके कुशल नेतृत्व में मध्यप्रदेश विकास और उन्नति के नव शिखर को स्पर्श करे, बहुत-बहुत शुभकामनाएं!”

केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मोहन यादव की लंबी उम्र की कामना की। उन्होंने लिखा, ‘जनसेवा के प्रति सदैव समर्पित, मध्य प्रदेश के ऊर्जावान मुख्यमंत्री मोहन यादव को जन्मदिन की अनंत शुभकामनाएं।’  

एक नन्हे बालक से प्रदेश के नेतृत्व तक का सफर

60 साल पहले उज्जैन के एक सामान्य परिवार में जन्में डॉ. मोहन यादव के भविष्य के बारे में शायद ही किसी ने सोचा होगा कि वे एक दिन प्रदेश का नेतृत्व करेंगे। लेकिन किस्मत अपने रास्ते खुद चुनती है। गोस्वामी तुलसीदास की यह उक्ति— “प्रारब्ध पहले रचा, पीछे रचा शरीर” उनके जीवन पर सटीक बैठती है। छात्र राजनीति से लेकर मुख्यमंत्री पद तक का सफर उन्होंने संघर्ष, मेहनत और अदम्य साहस के साथ तय किया।

राजनीति में पहला कदम

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़े रहते हुए उन्होंने छात्र राजनीति में कदम रखा।

1982— माधव विज्ञान महाविद्यालय के छात्र संघ के सह सचिव बने।
1984— छात्र संघ के अध्यक्ष बने, जिससे उनकी राजनीतिक क्षमता उजागर हुई।
भारतीय जनता युवा मोर्चा और भारतीय जनता पार्टी में विभिन्न पदों पर कार्य कर संगठन को मज़बूती दी।

विकास कार्यों की शुरुआत

2004 में जब उज्जैन विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष बने, तब शहर को नई पहचान मिली।

इंदौर रोड प्रवेश द्वार, आवासीय और धार्मिक परियोजनाएँ शुरू कीं।
2011 में मध्यप्रदेश पर्यटन विकास निगम के अध्यक्ष बने, जिससे पर्यटन को नई ऊँचाइयाँ मिलीं।
राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित होकर, प्रदेश को पर्यटन के नक्शे पर स्थापित किया।

मंत्री पद से मुख्यमंत्री तक का सफर

2013 में विधायक बने और 2020 में उच्च शिक्षा मंत्री का पद संभाला।

✅ राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू की और 54 नए कॉलेजों की स्थापना कर उच्च शिक्षा को सशक्त किया।
13 दिसंबर 2023 को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली, जिससे प्रदेश की जनता को एक नया नेतृत्व मिला।

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