महाकुंभ 2025: 34वें दिन उमड़ा जनसैलाब, अब तक 51 करोड़ श्रद्धालुओं ने लगाई पवित्र डुबकी; आज स्वच्छता अभियान में बनेगा नया वर्ल्ड रिकॉर्ड

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**EDS: THIRD PARTY IMAGE** In this image released by @PIB_India on X on Jan. 13, 2025, Devotees take a holy dip at Sangam during Maha Kumbh Mela 2025, in Prayagraj, Uttar Pradesh. (@PIB_India via PTI Photo)(PTI01_13_2025_000038B)

जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:

प्रयागराज में आस्था का सैलाब उमड़ रहा है। शनिवार को महाकुंभ का 34वां दिन है और वीकेंड की वजह से संगम तट पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखने को मिली। दोपहर 2 बजे तक 92.12 लाख से अधिक लोगों ने संगम में आस्था की डुबकी लगाई। इस बार का महाकुंभ ऐतिहासिक बन गया है, क्योंकि 13 जनवरी से अब तक 51.03 करोड़ श्रद्धालु संगम स्नान कर चुके हैं। यह आंकड़ा इतिहास में अब तक के सबसे बड़े आयोजन के रूप में दर्ज किया गया है।

राजनीतिक और आध्यात्मिक हस्तियों का संगम में स्नान

बता दें, शनिवार को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला और केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने संगम में स्नान किया। उनके साथ शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और त्रिपुरा के पूर्व मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देव भी महाकुंभ पहुंचे। वहीं, कांग्रेस सांसद राजीव शुक्ला ने भी संगम में आस्था की डुबकी लगाई और इसे आध्यात्मिक ऊर्जा से भर देने वाला अनुभव बताया।

इस महाकुंभ में प्राइवेट जेट और चार्टर्ड प्लेनों की बुकिंग भी रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई है। जानकारी के मुताबिक, अब तक 650 से अधिक चार्टर्ड प्लेन प्रयागराज एयरपोर्ट पर उतर चुके हैं। यह आंकड़ा बताता है कि महाकुंभ न केवल आध्यात्मिक बल्कि भव्य और ऐतिहासिक आयोजन का प्रतीक बन चुका है। इसके साथ आज महाकुंभ में सफाई कर्मियों का एक और विश्व रिकॉर्ड बनने जा रहा है। करीब 15,000 सफाई कर्मचारी घाटों पर एक साथ सफाई अभियान में जुटेंगे। इससे पहले, 2019 के कुंभ में 10,000 सफाई कर्मियों ने एक साथ सफाई कर वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया था, जिसे अब तोड़ा जाएगा।

बता दें, महाकुंभ में सुरक्षा व्यवस्था भी कड़ी की गई है। जिसका नतीजा यह निकला की भाजपा विधायक हर्षवर्धन वाजपेई को VIP घाट जाने से पैरामिलिट्री जवानों ने रोक लिया। इसके बाद विधायक की जवानों से बहस हो गई। बाद में जब उन्होंने अपना परिचय दिया, तब जाकर उन्हें अंदर जाने की अनुमति दी गई।

महाकुंभ के अब 11 दिन शेष हैं और जैसे-जैसे इसका समापन नजदीक आ रहा है, श्रद्धालुओं की आस्था और उत्साह चरम पर है। प्रयागराज में धर्म, आस्था और संस्कृति का यह महासंगम इतिहास रच रहा है।

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