जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
ग्लोबल फायरपावर द्वारा जारी की गई 2025 की सैन्य ताकत की रैंकिंग में कई दिलचस्प बदलाव हुए हैं। इस लिस्ट में कुल 145 देशों को शामिल किया गया है, और इस बार भी सबसे ताकतवर देशों की सूची में कोई बड़ा बदलाव नहीं हुआ। अमेरिका ने पहले स्थान को बरकरार रखा है, वहीं रूस और चीन क्रमशः दूसरे और तीसरे नंबर पर हैं।
भारत ने इस लिस्ट में चौथा स्थान हासिल किया है, जो सैन्य शक्ति के लिहाज से एक बड़ी सफलता है। पिछले साल की तरह भारत का यह स्थान कायम है, और इसे देखते हुए भारतीय सैन्य शक्ति में निरंतर सुधार और वृद्धि का संकेत मिलता है।
टॉप-10 सैन्य ताकतें:
अमेरिका – सबसे ताकतवर सैन्य शक्ति
रूस – दूसरे स्थान पर
चीन – तीसरे स्थान पर
भारत – चौथे नंबर पर
दक्षिण कोरिया – पांचवे स्थान पर
अगर बात करें बाकी देशों की, तो ब्रिटेन छठे, फ्रांस सातवें, जापान आठवें, तुर्की नौवें और इटली दसवें स्थान पर हैं। पाकिस्तान, जो पहले साल 2024 में नौवें स्थान पर था, अब टॉप-10 से बाहर हो गया है और 12वें स्थान पर है। पाकिस्तान के अलावा, ऑस्ट्रेलिया और यूक्रेन की भी रैंकिंग में गिरावट आई है।
हालांकि इस साल वेनेजुएला, कजाकिस्तान और जॉर्डन के पावर इंडेक्स में सुधार हुआ है। वहीं, ऑस्ट्रेलिया और यूक्रेन की रैंकिंग में गिरावट आई है। इस सूची में भूटान को सबसे निचला स्थान मिला है और वह 145वें स्थान पर है।
बता दें, ग्लोबल फायरपावर हर साल सैन्य ताकत का आंकलन करने के लिए 60 से ज्यादा कारकों का उपयोग करता है। इसमें सैन्य इकाइयों की संख्या, वित्तीय स्थिति, रसद क्षमता, और भौगोलिक स्थिति जैसे महत्वपूर्ण पहलू शामिल होते हैं। यह रैंकिंग देशों की सैन्य ताकत का एक बहुत ही महत्वपूर्ण मापदंड है। वहीं, भारत का चौथा स्थान इस बात का प्रमाण है कि देश अपनी सैन्य क्षमता को लगातार मजबूत कर रहा है। यह रैंकिंग भारतीय रक्षा और सुरक्षा की दिशा में सकारात्मक बदलाव को दर्शाती है।