जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
मध्यप्रदेश आज देश के साथ 79वां स्वतंत्रता दिवस पूरे जोश और उत्साह के साथ मना रहा है। राजधानी भोपाल के लाल परेड ग्राउंड में मुख्य समारोह आयोजित हुआ, जहां मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने ध्वजारोहण कर परेड का निरीक्षण किया और प्रदेशवासियों को स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं दीं। अपने संबोधन में उन्होंने पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों पर हुए ऑपरेशन सिंदूर का उल्लेख करते हुए कहा—“जो जैसा, उसके साथ वैसा ही हुआ।” मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर कई नई घोषणाएं भी कीं, जिनमें लाड़ली बहनों को 1500 रुपए देने, किसानों को बिजली बिल से मुक्त कराने और गोशालाओं को दी जाने वाली राशि बढ़ाने जैसी योजनाएं शामिल हैं।
मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में प्रदेश की उपलब्धियों का उल्लेख करते हुए बताया कि स्वामित्व योजना में मध्यप्रदेश देश में पहले स्थान पर है और प्रशासनिक व न्यायालय कार्य पूरी तरह पेपरलेस हो चुके हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में अब तक 5 करोड़ से ज्यादा पौधे लगाए गए हैं, 55 जिलों में पीएम श्री स्कूल खोलने की प्रक्रिया शुरू है और खंडवा जल संचय में पूरे देश में अव्वल है। इसके साथ ही जबलपुर और ग्वालियर को मेट्रोपॉलिटन शहरों के रूप में विकसित करने की योजना का भी जिक्र किया।
स्वतंत्रता दिवस के मौके पर पूरे प्रदेश में विशेष सुरक्षा इंतजाम किए गए थे। राजधानी भोपाल में पुलिस बैंड सहित 18 टुकड़ियों ने परेड में हिस्सा लिया, जिनमें गुजरात पुलिस, सशस्त्र सीमा बल, महिला विशेष सशस्त्र बल, हॉक फोर्स, एसटीएफ, जेल विभाग, एनसीसी के विभिन्न विंग, स्काउट्स-बॉयज, गाइड गर्ल्स और अश्वारोही दल शामिल थे। परेड का नेतृत्व भारतीय पुलिस सेवा के सहायक पुलिस आयुक्त, इंदौर, आदित्य पटले ने किया, जबकि सहायक परेड कमांडर की जिम्मेदारी दिव्या झारिया ने संभाली।
प्रदेशभर में स्वतंत्रता दिवस का जश्न अलग-अलग कार्यक्रमों में दिखा। उप मुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा ने जबलपुर में और राजेंद्र शुक्ल ने शहडोल में ध्वजारोहण किया। मंत्री डॉ. कुंवर विजय शाह ने रतलाम, कैलाश विजयवर्गीय ने धार में तिरंगा फहराया। अन्य जिलों में मंत्रियों और कलेक्टरों ने परेड की सलामी ली। कुल 31 जिलों में मंत्रियों और 24 जिलों में कलेक्टरों ने ध्वजारोहण किया।
गुरुवार शाम से ही प्रदेश का माहौल उत्सवमय हो गया था। सरकारी भवनों और ऐतिहासिक स्थलों को तिरंगे की रोशनी से सजाया गया। भोपाल का विधानसभा भवन, लाल परेड मैदान, खंडवा का इंदिरा सागर डैम और चित्रकूट की मंदाकिनी नदी तिरंगे के रंगों से जगमगा उठी। वहीं, स्कूल-कॉलेजों में सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित हुए और स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धांजलि दी गई।
मुख्यमंत्री ने अपने भाषण में स्वदेशी के प्रचार, आत्मनिर्भर भारत की दिशा में किए जा रहे प्रयासों और दो लाख से अधिक भर्ती प्रक्रिया शुरू करने का संकल्प भी दोहराया। उन्होंने नक्सली प्रभावित क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य करने वालों को आउट ऑफ टर्न प्रमोशन देने की घोषणा की। साथ ही, नए एयरपोर्ट निर्माण, शिप्रा नदी की सफाई और घाट निर्माण जैसे विकास कार्यों का भी उल्लेख किया। राजधानी से लेकर दूरस्थ ग्रामीण इलाकों तक, आज का दिन एकता, देशभक्ति और गर्व की भावना से सराबोर रहा।