जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
मध्यप्रदेश के सात प्रमुख शहरों में ‘स्मार्ट सिटी मिशन’ के तहत किए जा रहे कार्यों ने अब नया आकार लेना शुरू कर दिया है। यह सिर्फ इमारतों और सड़कों का नहीं, बल्कि भविष्य के समुचित, सस्टेनेबल और तकनीकी रूप से सशक्त शहरों का निर्माण है। स्मार्ट सिटी मिशन की शुरुआत देशभर में 25 जून 2015 को हुई थी और तभी से मध्यप्रदेश इस क्रांतिकारी योजना का अग्रणी भागीदार बना रहा है।
इस योजना के तीन चरणों में प्रदेश के भोपाल, इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर, उज्जैन, सतना और सागर शहरों का चयन किया गया। इन शहरों में आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर, टेक्नोलॉजी इंटीग्रेशन और हर स्तर पर नागरिक सुविधाओं में सुधार के लक्ष्य के साथ व्यापक योजनाएं बनाई गईं। प्रत्येक शहर को 1000 करोड़ रुपये की ग्रांट उपलब्ध कराई गई, जिसमें 500 करोड़ केंद्र सरकार और 500 करोड़ राज्य सरकार ने मिलकर दिए।
इन शहरों में स्मार्ट रोड, एलईडी स्ट्रीट लाइटिंग, डिजिटल क्लासरूम, इनक्यूबेशन सेंटर्स, रेन वॉटर हार्वेस्टिंग, मल्टीलेवल पार्किंग, नॉन-मोटराइज ट्रांसपोर्ट कॉरिडोर और इंटेलिजेंट ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम जैसे नवाचारों पर काम हुआ है। साथ ही रिवर फ्रंट डेवलपमेंट, पुरातात्विक धरोहरों का संरक्षण और खेल सुविधाएं भी इसमें शामिल की गई हैं।
अब तक 662 योजनाओं में से 639 योजनाएं पूरी हो चुकी हैं। यानी ज़मीनी स्तर पर बदलाव अब साफ़ दिखाई देने लगा है। इन योजनाओं की निगरानी के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हाई पावर स्टीयरिंग कमेटी गठित की गई है, जिसमें विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल हैं।
स्मार्ट सिटी मिशन का एक अहम पहलू है युवाओं के लिए स्टार्टअप और उद्यमिता के अवसर तैयार करना। भोपाल, इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर, उज्जैन, सागर और सतना में स्टार्टअप्स इन्क्यूबेशन सेंटर स्थापित किए गए हैं। अब तक 1027 स्टार्टअप्स को इन केंद्रों से सुविधाएं मिल चुकी हैं, जिनमें से 381 स्टार्टअप्स सफलतापूर्वक ग्रेजुएट हो चुके हैं। छात्रों के लिए इंटर्नशिप के मौके भी स्मार्ट सिटी के माध्यम से उपलब्ध कराए जा रहे हैं। बता दें, ‘द अर्बन लर्निंग इंटर्नशिप प्रोग्राम (TULIP)’ के तहत अब तक 6,539 इंटर्नशिप पोस्ट की जा चुकी हैं, जिनमें 733 अभी भी चल रही हैं और 1,318 इंटर्नशिप पूरी हो चुकी हैं।