जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
गुजरात के वडोदरा से बुधवार सुबह एक बेहद दर्दनाक और हिला देने वाली घटना सामने आई। यहां महिसागर नदी पर बना 45 साल पुराना ब्रिज अचानक टूट गया। हादसे के समय ब्रिज से दो ट्रक, दो कार और एक रिक्शा गुजर रहे थे, जो सीधे नदी में गिर गए। पुल का एक सिरा टूट जाने से एक टैंकर वहीं फंस गया। इस भीषण हादसे में अब तक 9 लोगों की मौत हो चुकी है, जिनमें एक मासूम बच्चा भी शामिल है। वहीं, स्थानीय लोगों की मदद से 8 लोगों को समय रहते बचा लिया गया।
हादसे के बाद घटनास्थल पर हाहाकार मच गया। नदी किनारे जमा हुए लोगों ने बिना किसी देरी के खुद मोर्चा संभाला और अपने स्तर पर रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू कर दिया। स्थानीय युवक ने बताया कि प्रशासन और अधिकारियों की मदद तो दूर, उन्हें मौके पर पहुंचने में भी काफी समय लगा। अब तक 9 शव निकाले जा चुके हैं, लेकिन एक बच्चा अब भी लापता है। फायर ब्रिगेड की तीन टीमें भी रेस्क्यू में जुटी हुई हैं।
स्थानीय लोगों का गुस्सा भी अब फूट पड़ा है। उनका कहना है कि इस 45 साल पुराने पुल की हालत बहुत खराब थी, इसकी कई बार शिकायत की गई थी, लेकिन प्रशासन ने इसे नजरअंदाज कर दिया। अगर समय रहते पुल की मरम्मत कराई जाती तो शायद आज ये हादसा टल सकता था। लोगों का साफ कहना है कि इस हादसे के लिए पूरी तरह से प्रशासन जिम्मेदार है।
इस हादसे का असर सिर्फ इंसानी जानों पर ही नहीं पड़ा, बल्कि अब मध्य गुजरात और सौराष्ट्र को जोड़ने वाला अहम रास्ता भी टूट गया है। अब भरूच, सूरत, नवसारी, तापी और वलसाड से सौराष्ट्र पहुंचने के लिए अहमदाबाद होकर लंबा रास्ता तय करना पड़ेगा, जिससे यात्रा में घंटों का समय और ज्यादा ईंधन खर्च होगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस हादसे पर गहरा दुख जताया है। उन्होंने प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष (PMNRF) से मृतकों के परिजनों को ₹2 लाख और घायलों को ₹50 हजार की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है।