भारत में 10 में से 4 लोग जूझ रहे हैं खामोश लिवर डिजीज से, जानिए कैसे बचा जा सकता है इस खतरनाक स्थिति से

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जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया: 

भारत में तेजी से फैलती एक स्वास्थ्य समस्या है, जिसे लोग अक्सर गंभीरता से नहीं लेते—नॉन-अल्कोहलिक फैटी लिवर डिजीज (NAFLD)। हाल की रिपोर्ट्स के अनुसार, हर 10 में से 4 भारतीय इस बीमारी से प्रभावित हैं, लेकिन चौंकाने वाली बात यह है कि अधिकतर लोगों को इसका पता तब चलता है जब वे किसी दूसरी बीमारी की वजह से अल्ट्रासाउंड कराते हैं। यह एक ‘साइलेंट किलर’ की तरह शरीर को नुकसान पहुंचाता है, जो शुरू में कोई लक्षण नहीं दिखाता, लेकिन धीरे-धीरे लिवर की कार्यक्षमता को कमजोर करता है। कई मामलों में 40 वर्षीय व्यक्ति का लिवर 65 साल के बूढ़े की तरह काम करने लगता है।

इस बीमारी की गंभीरता जितनी चिंताजनक है, उतनी ही राहत की बात यह है कि यदि इसे समय रहते पहचान लिया जाए और जीवनशैली में जरूरी बदलाव किए जाएं, तो इसे पूरी तरह ठीक किया जा सकता है। इसके लिए न दवाइयों की जरूरत है और न ही महंगे इलाज की—ज़रूरत है बस स्मार्ट डाइट, ऐक्टिव लाइफस्टाइल और अच्छी आदतों की।

लिवर को नुकसान पहुंचाने वाली 5 आम आदतें

  1. मीठे ड्रिंक और फ्रूट जूस का अधिक सेवन – कोल्ड ड्रिंक्स, पैकेज्ड फ्रूट जूस और ज्यादा शक्कर वाली चाय लिवर में फैट जमा करती हैं।

  2. मैदे वाले प्रोसेस्ड स्नैक्स – जैसे बिस्किट, नूडल्स, समोसे और व्हाइट ब्रेड लिवर को कमजोर करते हैं।

  3. लंबे समय तक बैठना – एक ही स्थान पर घंटों बैठे रहने से लिवर की सफाई करने वाला एंजाइम (AMPK) निष्क्रिय हो जाता है।

  4. दवाओं का अधिक सेवन या सेल्फ-मेडिकेशन – खासकर पेनकिलर्स और हार्मोनल दवाएं लिवर पर अतिरिक्त दबाव डालती हैं।

  5. स्क्रीन टाइम ज्यादा और नींद की कमी – देर रात मोबाइल या लैपटॉप चलाने से निकलने वाली ब्लू लाइट लिवर की मरम्मत प्रक्रिया को बिगाड़ती है।


लिवर को स्वस्थ रखने के लिए अपनाएं ये 12 आसान और असरदार आदतें

  1. मीठे ड्रिंक को कहें अलविदा – कोल्ड ड्रिंक की जगह जौ पानी, नींबू-जीरा शरबत या अनस्वीटेंड कोकम लेना बेहतर है।

  2. रंग-बिरंगी सब्जियों को रोज़ की थाली में शामिल करें – गाजर, चुकंदर, शिमला मिर्च, सरसों का साग और रोज़ाना एक आंवला बेहद लाभकारी हैं।

  3. अनाज में बदलाव करें – गेहूं की जगह सप्ताह में कुछ दिन ज्वार, बाजरा, रागी का सेवन करें।

  4. प्रोटीन लें सही मात्रा में – हर 1 किलो वजन पर 1 ग्राम प्रोटीन की जरूरत होती है। दालें, पनीर, अंडे और स्प्राउट्स फायदेमंद हैं।

  5. औषधीय मसालों का उपयोग करें – हल्दी और काली मिर्च जैसे मसाले लिवर को प्राकृतिक रूप से डिटॉक्स करते हैं।

  6. हर 30 मिनट पर एक्टिव हो जाएं – कुछ मिनट तेज चलें, या 10 चेयर स्क्वॉट्स करें। इससे शरीर और लिवर सक्रिय रहते हैं।

  7. रात 11 बजे तक जरूर सो जाएं – लिवर की मरम्मत प्रक्रिया रात को सक्रिय होती है, देर से सोना इसे बाधित करता है।

  8. शराब पूरी तरह त्यागें – NAFLD में शराब का सेवन लिवर को अतिरिक्त नुकसान पहुंचा सकता है।

  9. दवाइयां डॉक्टर से सलाह लेकर ही लें – बिना डॉक्टर की सलाह के कोई भी सप्लीमेंट या पेनकिलर न लें।

  10. कड़वे स्वाद की सब्जियां भी जरूरी हैं – करेला, मेथी की भाजी और पत्तागोभी सप्ताह में एक बार जरूर खाएं।

  11. ग्रीन टी या ब्लैक कॉफी का सेवन करें – रिसर्च के अनुसार इनमें मौजूद पॉलीफेनोल्स लिवर को फाइब्रोसिस से बचाते हैं।

  12. हाइड्रेशन का ध्यान रखें – नारियल पानी, सादा पानी और बेल का शरबत शरीर से टॉक्सिन्स बाहर निकालने में मदद करते हैं।

अंत में समझें—NAFLD से डरें नहीं, बल्कि सजग बनें

FAFLD यानी नॉन-अल्कोहलिक फैटी लिवर डिजीज आधुनिक जीवनशैली की देन है, लेकिन इसके खिलाफ जंग भी आपके हाथ में है। स्क्रीन टाइम कम करें, एक्टिव रहें, पौष्टिक आहार लें और खुद पर ध्यान देना शुरू करें। लिवर न सिर्फ शरीर को ऊर्जा देता है, बल्कि खून को साफ करता है, दवाइयों को प्रोसेस करता है और पाचन में भी सहयोगी है। जब लिवर थकने लगता है, तो पूरा शरीर जवाब देने लगता है।

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