जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
सागर स्थित डॉ. हरीसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय में शुक्रवार को 33वां दीक्षांत समारोह बड़े ही गरिमामय और आध्यात्मिक माहौल में संपन्न हुआ। विश्वविद्यालय परिसर के गौर प्रांगण में आयोजित इस समारोह में केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी वर्चुअल रूप से जुड़े, जबकि मंच पर जगद्गुरु स्वामी रामभद्राचार्य, मध्यप्रदेश के डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ल, कैबिनेट मंत्री गोविंद सिंह राजपूत, सांसद लता वानखेड़े, बंडा विधायक वीरेंद्र सिंह और विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. नीलिमा गुप्ता की उपस्थिति रही। कुलाधिपति कन्हैया लाल बेरवाल ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की।
समारोह का मुख्य आकर्षण रहे स्वामी रामभद्राचार्य, जिन्हें मानद डी.लिट. की उपाधि से नवाजा गया। मंच पर जैसे ही उन्हें यह उपाधि भेंट की गई, उन्होंने इसे श्रद्धापूर्वक अपने माथे से लगाया, जिससे उपस्थित जनसमूह भाव-विभोर हो गया। उनके संबोधन ने समारोह को और भी विशेष बना दिया। उन्होंने भ्रष्टाचार और नैतिक मूल्यों पर तीखा कटाक्ष करते हुए कहा कि, “नेता बनने से पहले व्यक्ति के पास कुछ नहीं होता, लेकिन नेता बनने के बाद सब कुछ हो जाता है।” उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार अब हर क्षेत्र में घर कर चुका है, इसे समाप्त करने के लिए युवाओं की भूमिका अहम है।
उन्होंने अंग्रेजी के बढ़ते चलन पर चिंता जताते हुए कहा, “दीक्षांत समारोह में अधिकांश वक्ता अंग्रेजी में बोल रहे हैं, ऐसा प्रतीत हो रहा था मानो हम लंदन की किसी यूनिवर्सिटी में बैठें हों। सरकार एक ओर हिंदी को बढ़ावा दे रही है और दूसरी ओर शैक्षणिक मंचों पर हिंदी की उपेक्षा हो रही है। यह अत्यंत दुखद है।” उन्होंने छात्रों से अपील की कि वे अपने कार्यों में सदैव ईमानदारी रखें और समाज की सेवा को सर्वोच्च प्राथमिकता दें।
वहीं, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने वर्चुअली जुड़ते हुए युवाओं को देश के निर्माण में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करने की प्रेरणा दी। उन्होंने कहा कि, “भारत को विश्वगुरु बनाने का सपना तभी साकार होगा जब हर गांव में शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क और रोजगार की व्यवस्था सुनिश्चित होगी।” उन्होंने युवाओं से आह्वान किया कि वे स्वामी विवेकानंद और महात्मा गांधी के विचारों को अपनाएं और तकनीक व नैतिकता के संतुलन से भारत के भविष्य को संवारें।
इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुल 1225 छात्रों ने पंजीकरण कराया था, जिनमें से 957 छात्र-छात्राओं को उपाधियां प्रदान की गईं। इनमें 426 पोस्ट ग्रेजुएट, 482 अंडर ग्रेजुएट और 49 पीएचडी धारक छात्र शामिल रहे। समारोह की शुरुआत दीक्षांत शोभायात्रा के साथ हुई और इसके पश्चात कुलपति प्रो. नीलिमा गुप्ता ने वार्षिक प्रतिवेदन प्रस्तुत किया।