जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
जम्मू और कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकवादी हमले के बाद, इस हमले पर सोशल मीडिया पर की गई विवादित टिप्पणियों ने नया विवाद खड़ा कर दिया है। सुरक्षा एजेंसियों ने सोशल मीडिया पर सरकार और देश विरोधी पोस्ट करने के मामले में 7 राज्यों से कुल 28 लोगों को गिरफ्तार किया है। इन गिरफ्तारियों में असम के एक विपक्षी पार्टी के विधायक, एक पत्रकार, एक वकील, दो रिटायर्ड शिक्षक, और 23 छात्र शामिल हैं। इन सभी गिरफ्तारियों में असम राज्य से सबसे अधिक 16 लोग पकड़े गए हैं।
असम के विधायक पर राजद्रोह का केस दर्ज
असम के विपक्षी पार्टी AIUDF के विधायक अमीनुल इस्लाम पर पहलगाम हमले और पुलवामा हमले को लेकर सोशल मीडिया पर विवादित टिप्पणी करने के बाद उन्हें गिरफ्तार किया गया। अमीनुल इस्लाम ने दोनों हमलों को ‘सरकार की साजिश’ करार दिया था। इस विवादित बयान के बाद, विधायक के खिलाफ राजद्रोह का मामला दर्ज किया गया और 25 अप्रैल को उन्हें पुलिस हिरासत में भेज दिया गया। इस गिरफ्तारी ने पूरे देश में राजनीति और सुरक्षा को लेकर नई बहस छेड़ दी है।
मध्यप्रदेश में विवादित वीडियो को लेकर गिरफ्तारी
मध्यप्रदेश के भोपाल से भी एक मामले में गिरफ्तारी की खबर आई है। 25 अप्रैल को भोपाल में एक कॉलेज के गेस्ट लेक्चरर नसीम बानो ने पहलगाम हमले के बारे में एक विवादित वीडियो वॉट्सएप पर शेयर किया। इस वीडियो को लेकर स्थानीय पुलिस ने कड़ी कार्रवाई करते हुए नसीम बानो को हिरासत में लिया। हालांकि, नसीम बानो ने यह दावा किया कि वीडियो उन्होंने खुद नहीं बनाया था और गलती से वह वीडियो वॉट्सएप स्टेटस पर अपलोड हो गया था। इसके बावजूद, छात्र संगठन ABVP और अन्य समूहों ने मामले में कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
असम और त्रिपुरा में गिरफ्तारियां और बढ़ी सुरक्षा चौकसी
असम में इस मामले में 25 अप्रैल को 6 गिरफ्तारियां हुई, जिनमें एक पत्रकार, एक वकील और कुछ छात्र शामिल थे। इन आरोपियों ने सोशल मीडिया पर सरकार और देश विरोधी पोस्ट की थी। त्रिपुरा से भी चार गिरफ्तारियां हुईं, जिनमें दो रिटायर्ड शिक्षक शामिल थे, जो सोशल मीडिया पर विवादित टिप्पणियां कर रहे थे। इन गिरफ्तारी के बाद, सरकार की ओर से सोशल मीडिया पर कड़ी निगरानी और सख्त कार्रवाई के संकेत मिले हैं।
असम के मुख्यमंत्री ने दी सख्त चेतावनी
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने गिरफ्तारियों के बाद इस मामले पर बयान दिया और कहा कि जरूरत पड़ी तो राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) भी लागू किया जा सकता है। उन्होंने स्पष्ट किया कि सरकार सोशल मीडिया पर चल रही सभी गतिविधियों की निगरानी कर रही है और जो भी राष्ट्रविरोधी गतिविधियां पाई जाएंगी, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच कोई समानता नहीं हो सकती, और हमें हमेशा अपनी सुरक्षा को सर्वोपरि मानते हुए देश के हित में काम करना चाहिए।