19 साल के वर्ल्ड चैंपियन डी. गुकेश ने रच दिया इतिहास, क्लासिकल चेस में पहली बार मैग्नस कार्लसन को हराया; टूर्नामेंट में टॉप-3 में पहुंचें!

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जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:

शतरंज की दुनिया में भारत का नाम रोशन करते हुए 19 वर्षीय वर्ल्ड चैंपियन डी. गुकेश ने नॉर्वे चेस टूर्नामेंट 2025 के छठे राउंड में वर्ल्ड नंबर-1 और दिग्गज खिलाड़ी मैग्नस कार्लसन को क्लासिकल चेस में मात देकर सनसनी फैला दी है। यह मुकाबला सिर्फ एक खेल नहीं था, बल्कि दो पीढ़ियों की टक्कर और आत्म-सम्मान की जंग भी थी। गुकेश की यह जीत क्लासिकल फॉर्मेट में कार्लसन के खिलाफ उनकी पहली जीत है। इस जीत के साथ गुकेश टूर्नामेंट की पॉइंट्स टेबल में 8.5 अंकों के साथ तीसरे स्थान पर पहुंच गए हैं। वहीं, कार्लसन और अमेरिका के ग्रैंडमास्टर फाबियानो कारुआना 9.5-9.5 अंकों के साथ संयुक्त रूप से पहले स्थान पर बने हुए हैं। यह मुकाबला गुकेश के करियर का एक बड़ा मोड़ माना जा रहा है।

मैच की समाप्ति के तुरंत बाद हार से बौखलाए मैग्नस कार्लसन ने चेस बोर्ड पर मुक्का मार दिया, जिससे सारे मोहरे बिखर गए। यह पल कैमरे में कैद हो गया और तेजी से वायरल भी हुआ। हालांकि, कुछ ही देर बाद उन्होंने गुकेश से माफी मांगी और पीठ थपथपाकर उनकी खेल भावना की सराहना भी की। इसके बाद वे बिना मीडिया से बात किए टेबल छोड़कर बाहर चले गए।

पुराना हिसाब हुआ बराबर, गुकेश ने दिया करारा जवाब

गौरतलब है कि इस टूर्नामेंट के पहले राउंड में कार्लसन ने गुकेश को मात दी थी और उसके बाद गुकेश के वर्ल्ड चैंपियन बनने को लेकर टिप्पणी करते हुए कहा था, “मैं वर्ल्ड चैंपियनशिप में नहीं खेलता, क्योंकि वहां मुझे हराने वाला कोई नहीं है।” इस बयान के जवाब में गुकेश ने विनम्रता से जवाब दिया था कि “मौका मिला तो उनके सामने बिसात पर खुद को परखूंगा।” और अब, उन्होंने वही कर दिखाया।

बता दें, डी. गुकेश ने दिसंबर 2024 में इतिहास रचते हुए सिंगापुर में आयोजित वर्ल्ड चेस चैंपियनशिप में चीन के डिंग लिरेन को 7.5-6.5 से हराकर खिताब अपने नाम किया था। वह 18 साल की उम्र में यह खिताब जीतने वाले दुनिया के पहले खिलाड़ी बने। इससे पहले रूस के गैरी कास्पारोव ने 22 साल की उम्र में 1985 में यह उपलब्धि हासिल की थी। फाइनल 25 नवंबर से 11 दिसंबर तक चला था, जिसमें 13 गेम खेले गए। निर्णायक 14वें गेम में गुकेश ने जबरदस्त रणनीति के साथ डिंग को हराया और नया चैंपियन बना। वहीं, गुकेश की अगुवाई में भारत ने सितंबर 2024 में हंगरी के बुडापेस्ट में आयोजित चेस ओलिंपियाड में ओपन कैटेगरी में ऐतिहासिक जीत दर्ज की थी। भारत ने फाइनल गेम में जीत दर्ज कर खिताब अपने नाम किया और इस उपलब्धि में गुकेश की निर्णायक भूमिका रही।

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