उज्जैन लाइव, उज्जैन, श्रुति घुरैया:
मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में आज 16वें वित्त आयोग की बैठक का आयोजन किया गया, जहां मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने प्रदेश की वित्तीय स्थिति, विकास योजनाओं और भविष्य की रणनीतियों को लेकर आयोग के समक्ष अपना पक्ष रखा। बैठक में आयोग के अध्यक्ष डॉ. अरविंद पनगढ़िया, उप मुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा, उप मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ला, कैबिनेट के अन्य मंत्री और वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए।
इस महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन कुशाभाऊ ठाकरे हॉल में किया गया, जहां विभिन्न विभागों द्वारा किए जा रहे कार्यों की विस्तृत जानकारी आयोग को दी गई। बैठक में प्रदेश के आर्थिक ढांचे, वित्तीय जरूरतों और भविष्य के विकास रोडमैप को लेकर व्यापक चर्चा की गई।
बैठक के बाद मीडिया से बात करते हुए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि प्रदेश सरकार की ओर से विभिन्न विभागों के प्रधान सचिवों (PS) ने राज्य की उपलब्धियों, नवाचारों और विकास योजनाओं की जानकारी आयोग को दी। उन्होंने बताया कि आयोग के अध्यक्ष और सदस्यों ने मध्य प्रदेश सरकार की तैयारियों और नवाचारों की सराहना की।
मुख्यमंत्री ने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन के अनुरूप, भारत को 2047 तक आत्मनिर्भर और विकसित राष्ट्र बनाने की दिशा में मध्य प्रदेश पूरी प्रतिबद्धता के साथ काम कर रहा है। राज्य सरकार विकासशील परियोजनाओं, ग्रामीण और शहरी ढांचे के सशक्तीकरण, औद्योगिक विस्तार और वित्तीय स्थिरता को लेकर पूरी तरह तैयार है।
वहीं, बैठक समाप्त होने के बाद मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने उप मुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा, उप मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ला और मुख्य सचिव अनुराग जैन के साथ मिलकर आयोग के अध्यक्ष डॉ. अरविंद पनगढ़िया और अन्य सदस्यों को राज्य सरकार की ओर से तैयार की गई मेमोरेंडम की कॉपी सौंपी।
बता दें, 16वें वित्त आयोग की यह बैठक मध्यप्रदेश की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने और राज्य की विकास योजनाओं के लिए महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश प्रदान करने में सहायक होगी। इसके माध्यम से राज्य को भविष्य में मिलने वाले वित्तीय संसाधनों की रूपरेखा तय की जाएगी, जिससे प्रदेश के समग्र विकास को गति मिलेगी। भोपाल में होने वाली इस महत्वपूर्ण बैठक से राज्य सरकार को अपनी वित्तीय आवश्यकताओं और विकास योजनाओं के लिए केंद्र सरकार से अधिक सहयोग प्राप्त करने का अवसर मिलेगा।