MP में 1.79 करोड़ वाहन अब भी बिना HSRP, 2.45 करोड़ वाहनों में से केवल 65.72 लाख पर हाई सिक्योरिटी प्लेट लगी; लक्षद्वीप, आंध्र और केरल के बाद एमपी की सबसे खराब स्थिति!

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जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:

मध्यप्रदेश में वाहनों पर हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट (HSRP) लगाने की प्रक्रिया बेहद धीमी साबित हो रही है। परिवहन विभाग और पुलिस द्वारा लगातार अभियान चलाने के बावजूद प्रदेश में बड़ी संख्या में वाहन अब भी बिना सुरक्षा नंबर प्लेट के सड़क पर दौड़ रहे हैं।

आंकड़ों के अनुसार, मध्यप्रदेश में अब तक 2.45 करोड़ से अधिक वाहन पंजीकृत हैं, लेकिन इनमें से केवल 65.72 लाख वाहनों पर HSRP लगी है। यानी कुल वाहनों का मात्र 26.76% हिस्सा ही सुरक्षित प्लेट से कवर हुआ है, जबकि शेष 1.79 करोड़ वाहन (73.24%) अब भी पुराने नंबर प्लेट पर चल रहे हैं।

देश के फिसड्डी राज्यों में एमपी चौथे नंबर पर

लोकसभा में एआईएमआईएम सांसद असदुद्दीन ओवैसी के सवाल पर सरकार द्वारा दिए गए जवाब के अनुसार, HSRP लगाने की रफ्तार में मध्यप्रदेश देश के सबसे पीछे रहने वाले राज्यों में शामिल है।

  • लक्षद्वीप: 97.64% वाहन HSRP से वंचित

  • आंध्रप्रदेश: 88.80% वाहन बिना HSRP

  • केरल: 74.55% वाहन बिना HSRP

  • मध्यप्रदेश: 73.24% वाहन बिना HSRP

  • अंडमान-निकोबार: 71.54% वाहन बिना HSRP

यानी एमपी की स्थिति बेहद चिंताजनक है और यह देशभर में चौथे सबसे फिसड्डी राज्य के रूप में दर्ज है।

HSRP क्या है और क्यों जरूरी है?

हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट (HSRP) एक विशेष प्रकार की धातु की नंबर प्लेट होती है, जिसे चोरी और फर्जीवाड़े को रोकने के लिए डिजाइन किया गया है। इसकी खासियत यह है कि –

  • इसमें होलोग्राम स्टिकर होता है जिस पर वाहन का चेसिस और इंजन नंबर दर्ज होता है।

  • नंबर प्लेट पर उभरे हुए अक्षर और यूनिक लेजर कोड छेड़छाड़-रोधी होते हैं।

  • यह प्लेट सड़क पर लगे CCTV कैमरों से आसानी से कैप्चर हो जाती है।

  • एक बार फिट होने के बाद इसे निकालना बेहद मुश्किल होता है।

  • इससे वाहन की पूरी डिटेल्स ट्रैक करना आसान हो जाता है।

परिवहन विभाग का दावा है कि HSRP चोरी, फर्जी नंबर प्लेट और अपराध नियंत्रण में अहम भूमिका निभाती है।

आवेदन कैसे करें?

HSRP लगवाने के लिए वाहन मालिक को SIAM (Society of Indian Automobile Manufacturers) की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करना होता है। प्रक्रिया इस प्रकार है –

  1. वेबसाइट पर “Book HSRP” ऑप्शन चुनें।

  2. नाम, ईमेल, मोबाइल नंबर, जिला और वाहन पंजीकरण नंबर भरें।

  3. वाहन का प्रकार और निर्माता कंपनी चुनें।

  4. “Old Vehicle HSRP Kit” सेलेक्ट करें।

  5. चेसिस और इंजन नंबर के अंतिम 5 अंक दर्ज करें।

  6. डीलर और अपॉइंटमेंट स्लॉट चुनें।

  7. ऑनलाइन भुगतान करें (कुल लागत ₹696.20 जिसमें प्लेट लागत, सुविधा शुल्क और GST शामिल)।

  8. तय तारीख को डीलर के पास जाकर नंबर प्लेट फिट करवा लें।

HSRP न होने पर कौन-कौन सी सेवाएं रुकेंगी?

अगर वाहन पर HSRP नहीं लगी है तो कई महत्वपूर्ण सुविधाएं नहीं मिलेंगी, जैसे –

  • PUC सर्टिफिकेट जारी नहीं होगा।

  • डुप्लीकेट आरसी प्राप्त नहीं होगी।

  • आरसी में पता बदलने या स्वामित्व परिवर्तन की सुविधा नहीं मिलेगी।

  • हाइपोथिकेशन जोड़ने या हटाने की प्रक्रिया बंद हो जाएगी।

  • नया या डुप्लीकेट परमिट जारी नहीं होगा।

  • फिटनेस सर्टिफिकेट और परमिट रिन्यूअल नहीं होगा।

  • NOC या पंजीयन निरस्तीकरण भी संभव नहीं होगा।

यानि वाहन मालिक को हर हाल में HSRP लगवाना अनिवार्य है।

टॉप-5 राज्य जहां HSRP का काम सबसे आगे

जहां एमपी इस मामले में पिछड़ रहा है, वहीं कुछ राज्य तेजी से आगे बढ़े हैं।

  • जम्मू-कश्मीर: केवल 6.63% वाहन HSRP से वंचित

  • असम: 14.70% वाहन बिना HSRP

  • गुजरात: 17.24% वाहन बिना HSRP

  • हिमाचल प्रदेश: 21.06% वाहन बिना HSRP

  • पश्चिम बंगाल: 23.98% वाहन बिना HSRP

मध्यप्रदेश में HSRP लगाने की रफ्तार बेहद धीमी है और करोड़ों वाहन अब भी बिना सुरक्षा नंबर प्लेट के सड़क पर दौड़ रहे हैं। यह न केवल कानून का उल्लंघन है बल्कि सुरक्षा की दृष्टि से भी खतरा है। सरकार और परिवहन विभाग लगातार प्रयासरत हैं, लेकिन जब तक वाहन मालिक खुद आगे आकर HSRP नहीं लगवाते, तब तक प्रदेश इस मामले में फिसड्डी ही बना रहेगा।

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