कब्जा छोड़ना होगा; इजरायल पर अटल बिहारी वाजपेयी के किस बयान की याद दिला रहे कांग्रेस और ओवैसी

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INDIA'S FORMER PRIME MINISTER VAJPAYEE ADDRESSES PARTY WORKERS IN A PUBLIC MEETING AS FORMER DEPUTY PRIME MINISTER ADVANI LOOKS ON IN BOMBAY. India's former Prime Minister Atal Behari Vajpayee (R) addresses party workers in a public meeting as former deputy prime minister L. K. Advani (L-sitting) looks on, as part of the Bharatiya Janta Party's (BJP) three day national meet in Bombay June 23, 2004. India's Hindu nationalist opposition, still licking its wounds after last month's election defeat, aims to plot its political comeback on Wednesday with the unveiling of plans for state polls due over the next year. REUTERS/Punit Paranjpe

Israel News: इजरायल और फिलिस्तीन संघर्ष में अब भारत के पूर्व प्रधानमंत्री दिवंगत अटल बिहारी वाजपेयी का जिक्र भी आ गया है। असदुद्दीन ओवैसी, संजय राउत समेत विपक्ष के कई नेता पूर्व पीएम के वीडियो के सहारे भारतीय जनता पार्टी पर निशाना साध रहे हैं। वहीं, कांग्रेस ने हिंसा का विरोध किया, लेकिन फिलिस्तीन के लोगों की ‘वैध आकांक्षाओं’ की भी बात की।

एक पुराने वीडियो एबी वाजपेयी को यह कहते हुए सुना जा सकता है, ‘यह कहा जा रहा है कि अगर जनता पार्टी की सरकार बन गई, तो वो अरबों का साथ नहीं देगी, इजरायल का साथ देगी। आदरणीय मोरारजी भाई इस स्थिति को स्पष्ट कर चुके हैं। गलतफहमी को दूर करने के लिए मैं कहना चाहता हूं कि हम एक हर एक प्रश्न को गुण और अवगुण के आधार पर देखेंगे।’

उन्होंने आगे कहा, ‘लेकिन मध्य पूर्व के बारे में यह स्थिति साफ है कि अरबों की जिस जमीन पर इजरायल कब्जा करके बैठा है, वो जमीन उसे खाली करना होगी। ….अरबों की जमीन खाली होनी चाहिए। जो फिलिस्तीनी हैं, उनके अधिकारों की प्रस्थापना होनी चाहिए।’

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने लिखा, ‘भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस इजरायल के निर्दोष नागरिकों पर हुए क्रूर हमलों की कड़े शब्दों में निंदा करती है। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का सदैव मानना रहा है कि आत्म-सम्मान, समानता और गरिमा के जीवन के लिए फिलिस्तीनी लोगों की वैध आकांक्षाओं को इजरायल के वैध राष्ट्रीय सुरक्षा हितों को सुनिश्चित करते हुए केवल बातचीत की प्रक्रिया के माध्यम से पूरा किया जाना चाहिए। किसी भी प्रकार की हिंसा कभी भी कोई समाधान नहीं दे सकती है और इसे रोकना चाहिए।’

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