इंदौर में कानून व्यवस्था की पोल खुली: रिटायर्ड जस्टिस के घर 4 मिनट में डकैती, गार्ड सोता रहा, पुलिस सोती रही!
इंदौर, प्रगति पार्क कॉलोनी – क्या मध्यप्रदेश में अब आम आदमी तो दूर, रिटायर्ड जस्टिस भी सुरक्षित नहीं हैं? रविवार सुबह का समय था, लोग चैन की नींद में थे, लेकिन शहर की नींद तीन बेखौफ बदमाशों ने उड़ा दी।
सुबह 4:11 बजे – महज़ चार मिनट में – तीनों बदमाशों ने रिटायर्ड जस्टिस रमेश गर्ग के घर में घुसकर लाखों रुपये के कैश और जेवर पर हाथ साफ कर दिया।
🚨 लाजवाब ‘सुरक्षा’: गार्ड मौजूद था, लेकिन उसे खबर तक नहीं हुई!
चौंकाने वाली बात ये है कि घर के बाहर गार्ड तैनात था, लेकिन बदमाश लोहे की ग्रिल काटते रहे, हथियार लेकर अंदर घुसे और बाहर निकल भी गए – और गार्ड को भनक तक नहीं लगी। यह लापरवाही नहीं, बल्कि सीधी-सी बात है – सुरक्षा नाम की कोई चीज़ मौजूद नहीं थी।
📹 सीसीटीवी ने खोली सच्चाई, लेकिन पुलिस खाली हाथ
घटना की पूरी वीडियो फुटेज सीसीटीवी में रिकॉर्ड हो गई है। तीनों बदमाशों ने एक-एक मिनट की सटीक प्लानिंग के साथ:
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एक बदमाश ने अलमारी तोड़ने की कोशिश की,
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दूसरा रिटायर्ड जस्टिस के बेटे ऋत्विक के ऊपर डंडा ताने खड़ा रहा,
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तीसरा पूरे घर को टटोलता रहा।
अलमारी नहीं टूटी तो टामी से तोड़ा, जेवर और कैश समेटा, और निकल लिए।
लेकिन इस सारी जानकारी के बावजूद पुलिस के हाथ अब तक खाली हैं।
कोई सुराग नहीं, कोई गिरफ्तारी नहीं, सिर्फ खानापूरी।
🧤 ग्लव्स पहन कर आए, फिंगरप्रिंट तक नहीं छोड़े – प्रोफेशनल गैंग का शक
तीनों बदमाश हैंड ग्लव्स पहनकर आए थे, जिससे कोई फिंगरप्रिंट नहीं मिला।
एफएसएल टीम, डॉग स्क्वॉड, डीएसपी, एएसपी – सब मौके पर पहुंचे, लेकिन नतीजा शून्य।
क्या पुलिस अब सिर्फ मौके पर पहुंचने और फोटो खिंचवाने तक ही सीमित रह गई है?
🛑 सवाल ये है: अगर जस्टिस के घर ऐसा हो सकता है, तो आम लोगों की कौन सुनेगा?
रिटायर्ड जस्टिस रमेश गर्ग का घर – वह भी गेटेड कॉलोनी में, गार्ड के साथ, और फिर भी घर में घुसकर इस तरह डकैती। ये सिर्फ चोरी नहीं, ये सिस्टम की हार है।